-वर्तमान में जिले में डेंगू के 23 मरीज चिह्नित जिसमें 21 माइग्रेटेड
– मरीजों के घरों के आसपास करवायी जा रही फॉगिंग
– बुखार होने की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क और कराएं खून की जांच

#MNN@24X7 समस्तीपुर, 21 अक्टूबर | शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र,लोग मच्छरों से परेशान हैं। ऐसे में मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया के मरीजों के बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छरों से बचाव करने और सचेत रहने की सलाह दे रहा है। बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है। साथ ही डेंगू के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शहरी व ग्रामीण इलाकों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रभावित इलाकों में फॉगिंग लगातार करायी जा रही है। ताकि डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए अस्पताल द्वारा फ्लैक्स -5 तथा हैंडबिल -21000 उपलब्ध कराया गया है जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विदित हो कि वर्तमान में जिले में 23 डेंगू के मरीज को चिह्नित किया गया है। जिसमें 22 मरीज ठीक हो चुके हैं । मरीजों के घर के आस- पास स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फागिंग करा दी गई है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार ने बताया मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस ए आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा बहुत सारी बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती । हालांकि, ये सभी बीमारियां अलग-अलग मच्छरों के काटने से होती हैं। लेकिन, सबसे अधिक मामले मलेरिया और डेंगू के ही आते हैं। उन्होंने बताया वर्तमान में जिले के सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 10 बेड आरक्षित किया गया है वहीं अनुमंडलीय अस्पतालों में 5 बेड आरक्षित किया गया है।

दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :

भीबीडीसी संतोष कुमार ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।

डेंगू के लक्षण :
•अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
•मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
•आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
•जी मिचलाना एवं उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
•त्वचा पर चकत्ते उभरना