-कर्पूरी चौक से पूर्व एम्स की ज़मीन पर भवनों को गिराने का काम शुरू
-मिट्टीकरण का कार्य भी फिर से प्रारंभ
-बीएमएसआईसीएल ने अगले माह तक काम पूरा करने का दिया आश्वासन
-पहले शिफ्ट में 82 एकड़ की जमीन पर चल रहा कार्य

#MNN@24X7 दरभंगा,1नवंबर,दरभंगा एम्स के लिये प्रस्तावित 82 एकड़ भूमि पर मिट्टीकरण व भवनों को गिराने का काम शुरू हो चुका है. वहीं दूसरे फेज में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के कार्यालय के पूर्व करीब 40 एकड़ भूमि को खाली कराने का काम प्रारंभ हो जायेगा.

परिणामस्वरूप एम्स निर्माण के लिये करीब एक सौ एकड़ जमीन मिलने पर डिजाइनिंग व इंजीनियरिंग का काम शुरू हो जायेगा. विदित हो कि दरभंगा एम्स के निर्माण के लिये शुरुआती दौर में करीब एक सौ जमीन चाहिये,ताकि एम्स की डिजाइनिंग व इंजीनियरिंग की टीम अपना काम शुरू कर सके. वर्तमान में करीब 82 एकड़ भूमि पर मिट्टीकरण व भवनों को तोड़ने का काम चल रहा है.

बीएमएसआइसीएल की टीम के द्वारा पिछले कुछ दिनों से यह कार्य शुरू करने की बात बतायी जा रही है. फिलहाल डॉक्टर क्वाटर में हाथ लगाया गया है. उसके बाद दूसरे शिफ्ट में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के पूर्व मेडिकल छात्रों के हॉस्टल व अन्य भवनों को शिफ्ट का काम शुरू किया जायेगा. हालांकि इसमें अभी देरी है. बताया गया कि अगले साल के शुरुआती दौर में इस 40 एकड़ पर काम शुरू होगा. इसे लेकर विभागीय प्रयास तेज कर दिये गये हैं.

अगले माह तक 82 एकड़ भूमि को ग्रीन फिल्ड करने का आश्वासन-

बीएमएसआइसीएल के वरीय अधिकारी के मुताबिक कई माह के बाद फिर से काम शुरू कर दिया गया है. इसमें मिट्टीकरण व भवनों को तोड़ने का काम शामिल है. बताया गया कि यह काम चालू माह में पूरा कर लिया जायेगा. अगले माह दिसंबर में 82 एकड़ क्षेत्र को ग्रीन फिल्ड में परिणत कर एम्स को सौंप दिया जायेगा. बता दें कि करीब 25 एकड़ भूमि रेलवे लाइन के उस पार है . लो लैंड होने के कारण मिट्टीकरण में समस्या हो रही है.

तीनों विभागों के शिफ्ट करने को लेकर कोई निर्णय नहीं-

कर्पूरी चौक के निकट एम्स के करीब 50 एकड़ भूमि पर करीब कई भवन बने हुये हैं. इसमें दरभंगा मेडिकल कॉलेज के तीन विभाग संचालित किये जा रहे हैं. डीएमसी प्राचार्य डॉ केएन मिश्र ने बताया कि यह विभाग फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री व एनाटोमी हैं. अभी तक इसको शिफ्ट करने करने का कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. हालांकि डीएमसी प्राचार्य की ओर से तीनों विभागों को विश्राम सदन में शिफ्ट करने के लिये सरकार को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.