मिथिला के दार्शनिक परंपरा पर हुई सफल संगोष्ठी।
#MNN@24X7 आज दिनांक 7 नवंबर 2022 को दर्शन परिषद, बिहार के 44 वें वार्षिक अधिवेशन का द्वितीय दिवस का सफल आयोजन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के द्वारा किया गया। इस अधिवेशन के द्वितीय दिवस में अधिवेशन का तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम सत्र का सफल संपादन हुआ। अधिवेशन के तृतीय एवं चतुर्थ सत्र में छह विभागों के विभागीय शोध पत्रों का समानांतर सत्रों में वाचन किया गया।
धर्म-दर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अभय कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर तथा समन्वयक डॉ हेमचंद्र झा, तर्क एवं वैज्ञानिक विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पूर्णेन्दु शेखर, भागलपुर तथा समन्वयक डॉ शशांक शुक्ला, तत्वमीमांसा विभाग के अध्यक्ष डॉ में मिहिर मोहन मिश्र, सुमन,भागलपुर तथा समन्वयक डॉ प्रियंका राय, समाज दर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह, पटना तथा समन्वयक डॉ स्नेहा कुमारी, नीति दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ शिव परसन सिंह,आरा तथा समन्वयक प्रोफेसर शिखर वासनी, योग एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर किस्मत कुमार सिंह तथा समन्वयक डॉ आदित्य कुमार सिंह थे ।
अधिवेशन के अंतर्गत इन छह विभागों में भिन्न- भिन्न राज्यों से आए शिक्षकों तथा शोधार्थियों ने भारी संख्या में अपने शोध पत्रों का वाचन किया। ज्ञातव्य है कि इन विभागों में प्रस्तुत श्रेष्ठ शोध पत्रों को अधिवेशन समापन के दौरान सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा। अधिवेशन के पंचम सत्र में दो संगोष्ठियों का आयोजन किया गया।
प्रथम संगोष्ठी में मिथिला के दार्शनिक परंपरा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसके अध्यक्ष डॉ गोदावरी मिश्र, नालंदा, समन्वयक डॉ महेश्वर मिश्र, खगड़िया तथा स्थानीय सहयोगी डॉ संजीव कुमार शाह रहे। मिथिलांचल के दार्शनिक परंपरा विषय पर वक्तागण के रूप में डॉक्टर अरुण मिश्र, नई दिल्ली, डॉक्टर कृष्ण मोहन ठाकुर, दरभंगा, प्रोफेसर अमरनाथ झा, दरभंगा, डॉक्टर पंकज कुमार निर्मली, सुपौल, डॉक्टर रेश्मा सुल्ताना, वैशाली, डॉक्टर रेणु बाला, मुजफ्फरपुर, डॉक्टर राजगोपाल, राजनगर, मधुबनी, प्रोफेसर नीलिमा कुमारी,भागलपुर, डॉक्टर आभास कुमार, पटना मौजूद रहे।
महर्षि अरविंद दर्शन के विविध आयाम विषय पर पंचम सत्र के द्वितीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस द्वितीय संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रोफेसर आर सी सिन्हा, पटना, समन्वयक डॉ सुधा जैन, वाराणसी तथा स्थानीय सहयोगी के रुप में श्री हरि नारायण शुक्ला रहे। इस संगोष्ठी के मुख्य वक्तागण के रूप में प्रोफेसर राजीव कुमार, मुजफ्फरपुर डॉक्टर शंभू पासवान,भागलपुर, डॉक्टर ज्योति माला, पटना, डॉक्टर राम नारायण मिश्र,आरा, डॉक्टर आलोक टंडन, हरदोई, डॉक्टर प्रत्यक्षा राज, सहरसा, डॉ अजीत कुमार पाठक, मुंगेर, डॉक्टर रणधीर कुमार सिंह, निर्मली, सुपौल, डॉ प्रभात कुमार, पटना से मौजूद रहे।
आज के अधिवेशन के दोनों सत्रों के उपरांत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नरगोना पैलेस के जुबली हॉल में फिजियोथैरेपिस्ट डॉ मृत्युंजय कुमार वर्मा,वरीय फिजियोथेरेपिस्ट ,बुराड़ी, नई दिल्ली का उद्बोधन हुआ जिसमें शिक्षकगण एवं प्रतिभागियों ने फिजियोथैरेपिस्ट से जुड़े कई अहम विषय पर परिचर्चा की तथा ज्ञान का अर्जन किया।अधिवेशन के आयोजन सचिव डॉ राजीव कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ बिहार दर्शन परिषद के 44 वें वार्षिक अधिवेशन के द्वितीय दिवस का सफलतापूर्वक समापन हुआ।