#MNN@24X7 दरभंगा। राजकुमारगञ्ज दरभङ्गा स्थित बाबूजीक लाइब्रेरीक चारिम वार्षिकोत्सव समारोहक आयोजन कयल गेल।मैथिली साहित्यक सभ आयामक पोथीक सङ्ग्रह करबाक आ लोककेँ लेल सहज आ सुलभ रूपेँ उपलब्ध करबाक दृष्टिएँ संस्थापिका लक्ष्मी सिंह ठाकुर आ राजेश सिंह ठाकुर द्वारा 2018मे छब्बीस नभम्बरकेँ महज किछु सय पोथीक सङ्ग किछु स्थानीय साहित्यकारक उपस्थितिमे आरम्भ कयल गेल एहि सार्वजनिक पुस्तकालयक स्थापना कयल गेल छल।
प्रत्येक वर्ष एहि तिथिकेँ पुस्तकालयक स्थापना दिवस मनाओल जाइत अछि।कार्यक्रमक आरम्भ भगवती वन्दनाक सङ्ग भेल आ आगत अतिथिक स्वागतक सङ्ग पुस्तकालयक प्रगति आ उपलब्धिक सूचना दैत संस्थापक राजेश सिंह ठाकुर अपन विचार रखलनि तथा समस्त आगन्तुकसँ पुस्तकालयक बेशीसँ बेशी उपयोग आ सहयोगक लेल आह्वान कयलनि।हुनका द्वारा पुस्तकालयमे सम्प्रति दू हजार मैथिली पोथी आ हजारसँ बेशी नव पुरान पत्रिकाक सङ्ग्रह उपलब्ध हेबाक जनतब देल गेल।मुख्य वक्ताक रूपमे बजैत साहित्यकार रमेशजी द्वारा कम समयमे पुस्तकालयक प्रगतिक प्रति हर्ष व्यक्त कयलनि।
हीरेन्द्र कुमार झा डिजिटल पोथीक स्वागत करैत कहलनि जे ओकरासँ भौतिक पोथीक कोनो प्रतियोगिता नहि छै अपितु ओ कालक्रमे अपन जगह बनेतै आ समयानुसार ई फार्ममे साहित्य लोककेँ सुलभ भऽ जेतै।
प्रसिद्ध मैथिली आन्दोलनी उदय शंकर मिश्र मैथिली पोथीक प्रति अपन उदगार व्यक्त करैत आग्रह कयलनि जे पोथीक सम्मान संस्कृति आ सभ्यताक सम्मान करब छी।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक निदेशक दमन कुमार झा मुख्य वक्ताक रूपमे बजैत पुस्तकालयक मानवोचित व्यवहार आ लगावक महत्ताक दैत कहलनि जे पुस्तकालयमे एकटा स्वत: उर्जा विकरण होइत रहैत छै।अस्तु समाजक हरेक वर्गकेँ पुस्तकालयक वातावरणमे किछु समय बितेबाक चाही।डिजिटाइजेसनक प्रति अपन उत्साह देखबैत ओकर स्वागत कयलनि।दमनजी द्वारा मिथिला विश्वविद्यालयमे शीघ्र ई-पुस्तकालयक सेवा आरम्भ होयबाक सूचना देलनि।
अपन अध्यक्षीय वक्तव्यमे योगानन्द झा द्वारा पोथीक महत्ता वैदिक कालसँ हेबाक बातकेँ स्मरण दियबैत आग्रह कयलनि जे पोथी खाहे डिजिटल रूपमे हो वा भोजपत्रपर परन्तु पोथी अर्थात ज्ञान आ सूचनाक स्रोत चाही ।तेँ कालक्रमे पोथी आ पुस्तकालयक जे स्वरूप रहय परन्तु पोथीक स्रोत पुस्तकालय सदैव महत्वपूर्ण रहत।
अन्तमे प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रशेखर झा उर्फ बुढ़ा भाइ द्वारा आयोजककेँ उत्साह बढ़बैत समाजसँ आर्थिक सहयोग आ सम्वर्धनक आह्वान कयल गेल।
कार्यक्रमक सञ्चालन सुषमा ठाकुर कयलनि आ संस्थापिका लक्ष्मी सिंह ठाकुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कयल गेल।