– एएनएम आशा व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
– जिले में 6. 7 6 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य
– 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”

मधुबनी-बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए जिले में अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 27 फरवरी से की जाएगी. अभियान के दौरान जिले में 6.76 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्यसिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है. चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है. उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग की पूरी तरह सहयोग करने की अपील की।

हर बच्चा पिये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस के विश्वकर्मा ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 27 फरवरी से तक 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,17,715 घरों को लक्षित किया गया है तथा 6,76,759 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना लक्ष्य है।

अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलएंगी, दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।

खतरनाक लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर आदर्श वर्गीज ने बताया कि पोलियो एक खतरनाक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है. बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो का खतरा ज्यादा है.यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचता है. इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए. पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है.

कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान :

यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लव्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है.