#MNN@24X7 दरभंगा, 27 मई, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन, दरभंगा सत्यम सहाय द्वारा सभी अंचलाधिकारी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को पत्र निर्गत करते हुए कहा कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बिहार के निर्देश के आलोक में बिहार राज्य में डूबने से होने वाली मृत्यु की रोकथाम जोखिम न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारी हेतु जन जागरूकता सप्ताह 23-29 मई, 2023 तक डूबने से होने वाले मृत्यु की रोकथाम हेतु सुरक्षा सप्ताह मनाया जाना है।
उन्होंने सभी संबंधित को निर्देशित किया कि कि डूबने की जहाँ अधिक घटनाएं होती है, ऐसे प्रखण्डों/पंचायतों को चिन्हित करके प्राधिकरण स्तर से बनाई गई डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम, जोखिम न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारी हेतु कार्य योजना का क्रियान्वयन करना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण स्तर से चलाए जा रहे *”सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम”* के अन्तर्गत जिन जिलों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स हैं, उनका उपयोग जन-जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने बताया कि प्रावधानों के अनुसार वित्तीय सहायता प्राधिकरण दे सकता है।
इसके साथ ही जिन जिलों में प्राधिकरण स्तर से कम्युनिटी वालंटियर्स का प्रशिक्षण कराया गया है, उन जिलों में इनका उपयोग डूबने से बचाव के बारे में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के लिए किया जा सकता है।
सभी पंचायत प्रतिनिधियों से अपील किया जाए कि जिन इलाकों में बालू/मिट्टी के खनन या अन्य कारण से गड्ढे बन गए हैं, उन्हें चिन्हित करके लाल झंडा लगाया जाए, ऐसे खतरनाक स्थलों पर चल रहे खनन को अविलंब रोका जाए।
जलाशयों के किनारे मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों के दौरान खतरों की पहचान एवं अधिक सतर्कता रखने हेतु समुदाय के बीच चौपाल के माध्यम से जन जागरूकता किया जाए, जो बच्चे घर से बाहर शौच के लिए या पशु चराने के लिए जाते हैं, उन्हें उनके अभिभावकों के माध्यम से खतरनाक जल स्रोतों से दूर रहने हेतु बार-बार सचेत करने के बारे में विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों, मंदिरों एवं मस्जिदों आदि से प्रचार-प्रसार किया जाए।
अति संवेदनशील क्षेत्रों में एकाध चेतना रथ भी चलाया जाए, छोटे वाहनों से मइकिंग कराई जाए तथा हैंड बिल का वितरण कराया जाए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों/कॉलेज में निबंध की प्रतियोगिता कराई जाए, जिसका विषय हो “डूबने से होने वाली मौतों का जिम्मेवार कौन”
उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारी को उल्लेखित गतिविधियों का क्रियान्वयन प्रखण्ड स्तर पर सुनिश्चित करने एवं आयोजित की गई गतिविधियों का प्रतिवेदन आपदा प्रबंधन को स-समय भेजने का निर्देश दिया।