•जनवरी 2021 से फरवरी 2022 तक 360 से अधिक सी सेक्शन प्रसव
•उच्च जोखिम में सावधानी बहुत जरूरी: डॉक्टर प्रवृत्ति मिश्रा
•अस्पताल में प्रसव के बाद मिलता है जननी बाल सुरक्षा योजना का आर्थिक लाभ
मधुबनी /9 मार्च प्रसव के दौरान के जटिलताओं के कारण कई माताओं को जान गंवानी पड़ती है. इस विषय पर स्वास्थ्य विभाग निरंतर कार्य कर रहा है. इसमें जिले के सदर अस्पताल में एक नई पहल हुई है सदर अस्पताल में खासकर सी- सेक्शन ( सिजेरियन प्रसव) अब जिले के सदर अस्पताल में उपलब्ध हो गई है जहां पहले लोगों को सिजेरियन प्रसव के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम पर निर्भर होना पड़ता था तथा ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था अब वह समस्या खत्म हो गई है आंकड़ों की बात करें तो जनवरी 2021 से फरवरी 2022 तक 360 से अधिक सी सेक्शन प्रसव (सिजेरियन प्रसव) सफलतापूर्वक सदर अस्पताल में कराए गए हैं कोविड के दौरान शुरू हुई यह व्यवस्था अभी तक जारी है कोविड के दौर में प्राइवेट नर्सिंग होम से लोग निराश हो गए उस दरमियान सदर अस्पताल में यह व्यवस्था शुरू की गई थी जिसमें सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा की अहम भूमिका रही. कोरोना काल में जटिल प्रसव कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा.
उच्च जोखिम में सावधानी बहुत जरूरी:
सदर अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवृत्ति मिश्रा ने बताया उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है, जिसमें महिला या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है। किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं को संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है। इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है। खानपान की रूटीन का पालन करना जरूरी है। डाइट में विटामिन को जरूर शामिल करें । जिससे कि डाइट लेने में किसी प्रकार की समस्या ना हो । ऐसे में तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें ।
जननी बाल सुरक्षा योजना के आर्थिक लाभ:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में आशा को 600 रुपये .एवं शहरी क्षेत्रों के लिए आशा को 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है।
सदर अस्पताल का प्रसव कक्ष लक्ष्य सर्टिफाइड :
जिला कार्यक्रम प्रबंधक दया शंकर निधि ने बताया हम लोगों ने सिजेरियन का प्रसव का व्यवस्था किया है लेकिन साथ-साथ लेबर रूम भी हमारा लक्ष्य सर्टिफाइड है यह जो संभव हुआ है यह लक्ष्य सर्टिफिकेट के बाद हुआ है हमारे पास प्रसव कक्ष में जितने मानक होने चाहिए सभी उपलब्ध हैं ऑपरेशन थिएटर को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बनाया गया है जो किसी भी निजी अस्पताल से तुलना किया जाए तो कम नहीं है हम आश्वस्त हैं कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सिय सुविधा लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं हम लोगों से अपील करते हैं कि सरकार जो इतना खर्चा करती है उसका आम लोग जरूर लाभ लें.