#MNN@24X7 दरभंगा आशा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आवाहन पर 12 जुलाई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल के समर्थन में आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोपगुट) एवं बिहार राज्य आशा-आशा फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले 9 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर आशा चले गए हैं। हड़ताल के समर्थन में आशा कार्यकर्ताओं ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, निमैठी बहेड़ी दरभंगा से आर आई कि दवाई का उठाव नही होने दिया। तथा स्वास्थ्य केन्द्र पर बैठकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज को बुलंद कर रहे है। वही आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उन लोगों की मांग पूरी नहीं होगी तबतक यह हड़ताल जारी रहेगा।

कोरोना भत्ता देना के रूप आशाओं को मिले 10 हजार रूपया

वही हड़ताल के समर्थन में उपस्थित आंदोलन के नेता देवेन्द्र कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमलोगों की मांग है कि सभी आशाओं कार्यकर्ताओं को पारितोषिक नहीं, राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। साथ ही सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार मासिक वेतन, कोरोना महामारी में मृत आशाओं के परिवार वालो को 4 लाख रुपए मुआवजा, सभी आशाओं फैसिलिटेटर को पेंशन योजना बहाल तथा कोरोना महामारी में ड्यूटी कर रही सभी आशाओं को 10 हजार रूपया कोरोना भत्ता दिया जाए।

आशाओं को आधा अधूरा नहीं पूरा ड्रेस हो मुहैया

वही उन्होंने कहा कि सभी आशाओं को आधा अधूरा नहीं पूरा ड्रेस मुहैया कराना होगा, साथ ही सभी आशा फैसिलिटेटर कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि मासिक वेतन भुगतान की मांग पर सरकार अविलम्ब पहल करें। साथ ही आशा के सभी तरह की भुगतान में पारदर्शिता कराना होगा, अस्पताल परिसर में आशा कार्यकर्ताओं के लिए रूम का व्यवस्था, आशाओं के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार कमीशन खोरी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। नही तो इस आंदोलन को और उग्र किया जायेगा। यह लड़ाई अस्पताल से निकालकर सड़क तक जाएगा। जिसका सारा जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी।