प्रत्येक वर्ष 22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। कल इस अवसर पर इंटेक दरभंगा चैप्टर द्वारा ऑनलाइन एक सेमिनार किया गया। इंटेक दरभंगा चैप्टर के संयोजक प्रो एन के अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो विद्यानाथ झा जी एवम विशिष्ट अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो शहनाज जमील, सेवानिवृत शिक्षक तथा विकास पदाधिकारी प्रो के के साहू थे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंटेक, दरभंगा के प्रो विद्यानाथ झा जी ने उत्तर बिहार के तरह तरह के जैव विविधता के बारे मे पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने बताया कि यहां तरह तरह की जीवन पद्धति है। कमल, मखाना आदि तरह के वनस्पति यहां उपलब्ध हैं। मौलिक संपदा की रक्षा कर हमसभी इलाके का विकास कर सकते हैं। विभिन्न हिस्सों से आए हुए विभिन्न प्रकार के पक्षी पर्यावरण संरक्षण का काम भी करते हैं।

जलाशय, नदी का संरक्षण करना आवश्यक है। विटीवर ग्रास भूमि संरक्षण का काम भी करती है। सिक्की आर्ट, बहाया पौधा, दांतरी पौधा के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो जमील ने आनुवंशिक जैव विविधता, प्रजातियों की जैव विविधता, इको सिस्टम जैव विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इंटेक के संजोयक प्रो एन के अग्रवाल ने इस दिवस को मनाए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 2011 – 2020 को जैव विविधता दिवस के रूप मे मनाया गया है। 2021 – 2030 को सतत विकास हेतु महासागर विज्ञान दिवस और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक के रूप मे मनाया जाना है। 2022 का थीम सभी जीवन के लिए साझा भविष्य का निर्माण है। डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि आज सभी को प्रण लेना चाहिए कि सभी मिलकर जैव विविधता की रक्षा करने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करेगे ।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन इंटेक दरभंगा के सदस्य प्रो के के साहू ने किया साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। जैव विविधता दिवस समारोह आयोजित करने की शुभकामना दी और धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम में डॉक्टर कविता डालमिया, खुशबू कुमारी, आसाम विश्वविद्यालय की पिंकी मिश्रा,मधु वर्मा,निकिता सिंह सहित काफी संख्या में छात्र छात्राओं ने भाग लिया।