दरभंगा। मंडल कारा में विचाराधीन बंदियों को हुनरमंद बनाया जाता है और उन्हें शिक्षित बनाने का प्रयास किया जाता है। उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जावेद आलम ने बुधवार को दरभंगा मंडल कारा में निरीक्षण के पश्चात कहा। वे बुधवार को दरभंगा मंडल कारा का निरीक्षण करने पंहुचे थे।

श्री आलम ने कहा विचाराधीन बंदियों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार निः शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराता है। श्री आलम ने निरीक्षण के क्रम में कारा कर्मी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। आलम ने कारा में बंद कैदियों का हालचाल जाना तथा कारा के अंदर बने तरुण वार्ड का निरीक्षण भी किया। वहां उन्होंने विचाराधीन बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार से मिलने वाले लाभों से अवगत करवाया। तरुण वार्ड में बंद बंदियों के उम्र से संबंधित जानकारी भी उन्होंने लीं।

उन्होने बंदियों से मिलकर उनका हाल चाल भी जाना। उन्होंने बंदियों को मिलने वाली भोजन के संबंध में भी जानकारी ली तथा उन्हें आवश्यक निर्देश दिए। श्री आलम ने विचाराधीन बंदियों की समस्यों के निदान के लिए पैनल अधिवकता को आवयश्क निर्देश दिया। श्री आलम कारा में पुरुष और महिला वार्ड में जाकर विचाराधीन कैदियों के रहन- सहन, खान पान आदि की जानकारी भी लिये। उन्होंने कारा के अंदर अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। श्री आलम ने जेल के अंदर पारा लीगल वोलेंटियर को आवयश्क दिशा निर्देश दिए।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता विष्णु कान्त चौधरी ने बताया कि कारा में बंद आर्थिक रूप से कमजोर विचाराधीन बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाते है। जिससे उन्हें न्याय मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो। श्री चौधरी ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार गरीबों और असहाय लोगों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है.

मौके पर काराधीक्षक संदीप कुमार, जेलर मदन कुमार सिन्हा, अधिवक्ता मंजू कुमारी,करण कपूर,जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कर्मी मुन्ना कुमार, मोहम्मद इम्मामुद्दीन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

रिपोर्ट.. नीरज कुमार राय