दरभंगा। आज दिनांक 04/06/2022 को विश्वविद्यालय हिंदी विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में हिंदी विभाग के सेवानिवृत्त लोकप्रिय शिक्षक डाॅ० कवीश्वर ठाकुर के निधन पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र साह की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित की गयी।
इस अवसर पर हिंदी विभाग के शिक्षकों, कर्मियों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं ने 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करने हेतु प्रार्थना की। शोकसभा के पूर्व हिंदी विभाग के शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने डॉ०कवीश्वर ठाकुर के प्रति अपने- अपने उद्गार व्यक्त किये|
विभागाध्यक्ष प्रो० राजेंद्र साह ने कहा कि डॉ०कवीश्वर ठाकुर विद्वान शिक्षक एवं साहित्यकार थे। उनका इस दुनिया से जाना विश्वविद्यालय के लिए अपूरणीय क्षति है। स्वर्गीय कवीश्वर ठाकुर ने 1996 से 1999 तक विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में अध्यापन किया था। डॉ०कवीश्वर सहज,शालीन, सौम्य एवं प्रभावी व्यक्तित्व के धनी थे| उनकी पुस्तक ‘हिंदी साहित्य में राष्ट्रीयता एवं भावात्मक एकता’2006 में प्रकाशित हुई थी|अपनी पहली मुलाकात का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि बड़ी आत्मीयता से उन्होंने अपनी पुस्तक भेंट की थी। एक आदर्श व्यक्ति के जाने से समाज को कितनी हानि होती है इसका अंदाज़ा डॉ० ठाकुर के जाने से लगाया जा सकता है।
इस अवसर पर सह प्राचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि प्रो० कवीश्वर ठाकुर ने प्रोफेसर के रूप में कटिहार के एक कॉलेज से शुरुआत की थी।मिथिला विश्वविद्यालय के बनने के बाद उनका पदस्थापन समस्तीपुर कॉलेज में हुआ जहाँ उनका सानिध्य मुझे भी प्राप्त हुआ। वे बेहद निश्छल और ईमानदार शिक्षक थे। समस्तीपुर के बाद उनका तबादला विश्वविद्यालय हिंदी विभाग, दरभंगा में हुआ। अहिल्यास्थान के नजदीक अहियारी गाँव में उनका जन्म हुआ था। वे जीवनपर्यंत उस क्षेत्र को तथा अहिल्यास्थान को विकसित करने का प्रयास करते रहे।
डॉ० आनंद प्रकाश गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि डॉ०ठाकुर कुशल शिक्षक एवं विद्वान वक्ता थे। उनके जैसे व्यक्तित्व का इस दुनिया से जाना हिंदी साहित्य जगत के लिए अत्यंत दुखद एवं मर्मान्तक है। इस अवसर पर शोधार्थी कृष्णा अनुराग, अभिषेक कुमार सिन्हा, धर्मेन्द्र दास, सियाराम मुखिया,मंजू कुमार सोरेन, सरिता कुमारी, शिखा सिन्हा, पुष्पा कुमारी समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।