एनआईए और ईडी को मोदी जी के मिशन 2024 में लगा दिया गया है-कुणाल

बेलगाम मंहगाई,बेकारी,लूट-भ्र्ष्टाचार,नफरत की राजनीति के खिलाफ बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने मांगों पर महागठबंधन का जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा-माले

दरभंगा ज़िला का सम्मेलन 13-14 अगस्त को जीबछ घाट में होगा

दरभंगा,4अगस्त 2022, भाकपा माले ज़िला कार्यालय पंडासराय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मोदी सरकार ने मिशन 2024 के तहत लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।सीबीआई,ईडी और एनआईए को भाड़े की टट्टू की तरह इस्तेमाल कर रही है।फुलबारी को बदनाम करने के लिये पूर्व के दरभंगा मॉड्यूल की तरह बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई,बेकारी और देश की बदहाली के खिलाफ बढ़ते गुस्से को बरगलाने के लिये सरकार नफरत और विभाजन की राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन दलों की ओर से इन मुद्दों को लेकर 7 अगस्त को ज़िलामुख्यालयों पर मार्च और प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि भाकपा(माले) राष्ट्रीय स्तर पर 9से 15 अगस्त तक पूरे देश मे संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ, शहीदों के सपनो का भारत बनाओ अभियान को संचालित किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि पीडीएस डीलर के माध्यम से सभी राशनकार्ड धारियों को झंडा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाकपा माले बिहार में दलित,गरीब और मज़दूरों के मुद्दे पर सदस्यता और आंदोलन चलाते हुए सभी जिलों में सम्मेलन आयोजित कर रहा है।अगले साल फरबरी में भाकपा माले का 11वां राष्ट्रीय महाधिवेशन पटना में होगा।

इस मौके पर बोलते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो के सदस्य सह मिथिला कोसी ज़ोन के प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा कि सदन से लेकर सड़क तक माले आंदोलन का विस्तार हो रहा है।भाजपा के सामने समर्पण कर चुकी नीतीश सरकार ने गांव और गरीबों के एजेंडा साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद के नाम पर मिथिलांचल को बदनाम किया जा रहा है। और उन्माद उत्पात की खेती की जा रही है। जिसे भाकपा(माले) बर्दास्त नही करेगी। और इसके खिलाफ गांव-गांव में अभियान तेज किया जाएगा।

वही भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव में कहा कि भाकपा(माले) का 12वां जिला सम्मेलन 13-14 अगस्त को जीवछ घाट में आयोजित है। जिसे सफल बनाने की अपील की है।

इस अवसर पर राज्य कमिटी सदस्य नेयाज अहमद, अभिषेक कुमार, वरिष्ठ नेता आर के सहनी, शनिचरी देवी शामिल थी।