विद्यार्थियों के जीवन को बेहतर बनाने में मां बाप के साथ साथ शिक्षकों की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन्हीं के अनुशासन, समर्पण और आदर्शों की स्थापना हमें और अधिक प्रेरित कर सकते हैं।खुद ज्यादा पढ़-लिख ना पाने वाले गरीब माँ-बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे से पढ़े-लिखें।
*JAC 10th Result 2022: झोला लेकर घर-घर कुर्सी बनाने वाले का बेटा बना झारखंड मैट्रिक टॉपर*
जमशेदपुर।झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक की परीक्षा में जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित श्रीरामकृष्ण मिशन हाईस्कूल के अभिजीत शर्मा को झारखंड टॉपर बनने का गौरव हासिल हुआ है।अभिजीत को 490 अंक हासिल हुए हैं।झारखंड टॉपर बनने के बाद अभिजीत ने कहा कि उन्हें ये भरोसा था कि वे अच्छे अंकों से मैट्रिक की परीक्षा पास करेंगे,लेकिन ये नहीं सोचा था कि झारखंड टॉपर बनेंगे। वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं।अभिजीत ने कहा कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन आठ घंटे तक पढ़ाई करते थे।इसमें छह घंटे नयी चीजें पढ़ते थे और एक घंटे पुरानी चीजों का रिवीजन करते थे,जबकि एक घंटे पढ़ी हुई चीजों को लिखने की प्रैक्टिस करते थे।अभिजीत ने कहा कि कर्ज लेकर पिता अखिलेश शर्मा उन्हें पढ़ा रहे हैं।जमशेदपुर के ही बाल्डविन फॉर्म एरिया स्कूल कदमा में 11वीं में इन्होंने साइंस में एडमिशन करवाया है।
आपको बता दें कि अभिजीत के पिता अखिलेश शर्मा झोला लेकर घर-घर कुर्सी बनाने का काम करते हैं।अपनी उपलब्धि से अभिजीत ने पिता का नाम रोशन किया है।
*JAC 10th Result 2022: चाय और दूध बेचने वाले की बेटियां बनीं झारखंड की मैट्रिक टॉपर*
पश्चिमी सिंहभूम। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा जारी मैट्रिक के परिणाम में चक्रधरपुर ने दो झारखंड टॉपर दिया है। इसमें एक चाय बेचने वाले की बेटी तानिया शाह और दूसरी दूध बेचने वाले की बेटी निशु कुमारी शामिल हैं। चाय और दूध बेचने वाले की बेटियों ने टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है।दोनों कार्मेल स्कूल चक्रधरपुर की छात्रा हैं।दोनों बेटियों को 490 अंक (98 फीसदी) मिले हैं।झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मंगलवार को मैट्रिक व इंटरमीडिएट साइंस का परिणाम जारी किया।
*आर्थिक रूप से कमजोर तानिया है प्रतिभावान*
तानिया शाह चक्रधरपुर के पोटका ईचिंडासाई में अपने परिवार के साथ रहती है। तानिया के पिता सतीश शाह चाय और समोसा बेचते हैं।घर के बाहर ही एक छोटी सी दुकान है। उसी दुकान से तीन बेटियों की परवरिश कर रहे हैं।तानिया बताती है कि लॉकडाउन के कारण पढ़ाई काफी प्रभावित हुई थी,लेकिन उसने लॉकडाउन में भी पढ़ाई से कभी जी नहीं चुराया।स्कूल की ऑनलाइन क्लासेस को भी कभी नहीं छोड़ा।चक्रधरपुर केंद्रीय विद्यालय से ही आईएससी की पढ़ाई करेगी।तानिया को 490 अंक (98 फीसदी) मिले हैं।
*निशु को भाता है सोशल वर्क*
कार्मेल स्कूल से ही झारखंड टॉपर बनने वाली निशु कुमारी के पिता दिनेश कुमार यादव दूध बेचते हैं।निशु बताती है कि झारखंड टॉपर बनने का तो सपने में भी नहीं सोचा था, लेकिन इस सफलता ने मेरे हौसले को परवाज दिया है।अब मैं पहले से काफी ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर रही हूं।आगे आईएससी करूंगी।सोशल वर्क मुझे काफी भाता है।निशु
को 490 अंक (98 फीसदी) मिले हैं।
*मजदूर का बेटा मैट्रिक में बोकारो का बना थर्ड टॉपर, आईएएस बनने का है सपना*
बोकारो।झारखंड में मंगलवार को मैट्रिक और इंटरमीडिएट साइंस का परिणाम जारी हुआ।मैट्रिक परीक्षा में बोकारो जिले के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुन्नू के छात्र अंकित कुमार ने जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।अंकित ने 96.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है।
अंकित कुमार को गणित में 100 और अंग्रेजी में 97 अंक मिले हैं।अंकित ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और अपनी मेहनत को दिया। अंकित आईएएस बनना चाहता है और इस लक्ष्य को भेदने के लिए वो जी-जान से मेहनत करेगा।
अंकित कुमार के पिता अशोक प्रजापति दिहाड़ी मजदूर हैं और रोजगार को लेकर विशाखापट्टनम में हैं।माता बिराजो देवी गृहिणी हैं।अंकित की तीन बहनें हैं।परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, लेकिन फिर भी अंकित को भरोसा है कि वो अपने लक्ष्य को सभी के सहयोग से जरूर पूरा करेगा।
*किराना दुकानदार की बेटी ने मैट्रिक में किया झारखंड टॉप,ये है तमन्ना*
पलामू।झारखंड में मैट्रिक और इंटरमीडिएट साइंस का परिणाम मंगलवार को जारी हुआ।पलामू की रिया ने 98 फीसदी अंकों के साथ झारखंड टॉपर बनकर जिले का मान बढ़ाया है।
हरिहरगंज प्रखंड के एक छोटे किराना दुकानदार संतोष कुमार गुप्ता की बेटी रिया कुमारी मैट्रिक परीक्षा में 490 अंक लाकर झारखंड टॉपर बनी है।रिया संतोष कुमार गुप्ता की तीसरी बेटी है। रिया ने बालिका उच्च विद्यालय हरिहरगंज से मैट्रिक की परीक्षा दी थी।रिया का एक भाई है और तीन बहनें हैं।माता सविता देवी गृहिणी हैं।
झारखंड की मैट्रिक टॉपर रिया की डॉक्टर बनने का तमन्ना है। रिया झारखंड टाॅपर बनने का श्रेय अपने माता पिता, बहन एवं शिक्षकों को दिया।