बिहार का चक्का जाम आंदोलन के तहत दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति को रोका गया

BPSC–PT रद्द कर पुनःपरीक्षा आयोजित करने और सोनू कुमार के परिजनों को मुआवजा है मुख्य मांग।

पेपर लीक–परीक्षा माफिया तंत्र खत्म करने व लाठीचार्ज के दोषियों को दंडित करने की मांगें भी शामिल

आत्महत्या नहीं सोनू कुमार की हुई है सांस्थानिक हत्या।

#MNN@24X7 30 दिसंबर, छात्र–युवा संगठन आइसा (AISA) और आरवाईए ( RYA) ने BPSC अभ्यर्थियों के चल रहे आन्दोलन पर पुलिसिया दमन लाठीचार्ज के खिलाफ बिहार का चक्का जाम आंदोलन के आह्वान पर आज दरभंगा स्टेशन पर बिहार संपर्क क्रांति को लगभग 20 मिनट स्टेशन पर रोका गया और विरोध किया।चक्का जाम आंदोलन में युवा राजद और एसएफआई ने सक्रिय समर्थन के साथ आंदोलन में शामिल हुई।

आंदोलन के दरमियान सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी, आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव,युवा राजद महानगर अध्यक्ष राकेश नायक, आइसा नेता प्रिंस कर्ण,ओणम सिंह,एसएफआई जिला संयोजक हरिशंकर राम ने संयुक्तरूप से कहा कि पटना–दिल्ली की डबल इंजन सरकार के बहरे कानों को सुनाने के लिए आज सड़क और रेलमार्ग जाम किया जा रहा है।

नेताओं ने कहा सरकार BPSC की 70वीं पीटी परीक्षा पटना समेत बिहार के अनेक केंद्रों पर पेपर लीक व घोर आपत्तिजनक अनियमितताओं के साथ सम्पन्न हुई. परीक्षा रद्द करने की लोकप्रिय मांग उठी अभ्यर्थी ठंड में कई दिनों से धरने पर बैठे है लेकिन नीतीश–भाजपा सरकार न सिर्फ जिद्द में बहरी बनी हुई है बल्कि उल्टे न्याय की मांग कर रहे नौजवानों पर अंग्रेजी शासन की याद दिलाने वाला बर्बर लाठीचार्ज और वाटरकॉनेन से पानी का बौछार किया जा रहा है।

नीतीश-मोदी सरकार बिहार में सुशासन के बड़े बड़े दावे करती है पर एक परीक्षा सुचारु रूप से करा पाने में सफल नहीं है. लोकतांत्रिक मांगे उठाने पर जेल, फर्जी मुकदमे और बर्बर पुलिसिया दमन नियम बनते जा रहा हैं. याद करें कि इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र–छात्राओं पर भी लाठीचार्ज किया गया था।

नेताओं ने कहा है कि बिहार इस वक्त शिक्षा और परीक्षा माफियाओं के गिरफ़्त में है. समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षक न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है. पर सरकार इन माफियाओं पर लगाम लगाने की बजाय युवाओं पर लाठियां चला रही है।

विदित है कि मुजफ्फरपुर केंद्र पर BPSC–PT परीक्षा देने वाले पटना जिले के पालीगंज के सोनू कुमार नाम के छात्र ने इस तनाव में अपनी जान ले ली. यह आत्महत्या नहीं सांस्थानिक हत्या है जिसका जवाब मोदी–नीतीश की जोड़ी को देना होगा और सोनू के परिजनों को 5 करोड़ मुआवजा देना होगा।

आंदोलन में भाकपा(माले) नेता देवेंद्र कुमार साह,केशरी यादव,आरवाईए नेता संदीप कुमार चौधरी,ओणम सिंह,अमरजीत, आइसा नेता मयंक कुमार यादव,बिपिन कुमार,गोलू कुमार,युवा राजद महानगर अध्यक्ष राकेश नायक,प्रधान महासचिव मो.अकबर अली, अविनाश झा, संतोष गोस्वामी, दीपक, सुरेश पासवान,रंजीत कुमार, मो.असलम, एसएफआई जिला संयोजक हरिशंकर राम,रामसुंदर राम,गौरी कुमार, साजन कुमार सहित सैकड़ों युवा शामिल हुए।

प्रमुख मांगें:

1. BPSC की 70वीं PT रद्द करो! परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा जल्द करो!
2.पेपर लीक–परीक्षा माफिया तंत्र खत्म करो! सख्त कानून बनाओ!
3.पुलिस लाठीचार्ज के दोषियों को दंडित करो!
4.आंदोलनकारी छात्रों को जेल से रिहा करो! फर्जी मुकदमे वापस लो!
5.सोनू कुमार के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा दो!