हमारे राष्ट्र के रीढ़ युवा ‘विकसित भारत-2047’ के सिर्फ साक्षी नहीं, बल्कि वास्तविक सारथी बनें- कार्यक्रम समन्वयक डॉ चौरसिया।
युवा सहित हम सबके सक्रिय एवं पूर्ण सहयोग तथा उचित कर्तव्य पालन से ही भारत बनेगा विकसित राष्ट्र- प्रधानाचार्य प्रो अनिल।
#MNN24X7 रामकृष्ण कॉलेज, मधुबनी में “विकसित भारत युवा कनेक्ट प्रोग्राम-2025” का आयोजन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा सेमीनार हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में मंत्रालय की ओर से आए यूथ आइकॉन रतिकेश पूर्णोदय और मंटू कुमार यादव ने युवाओं को सम्बोधित किया और भारत के विकसित राष्ट्र बनने में भारतीय युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार द्वारा इस दिशा में उठाये गये क़दमों की भी चर्चा की। इस कार्यक्रम में माय भारत पोर्टल पर सैकड़ों युवाओं का रजिस्ट्रेशन भी किया गया। कार्यक्रम में जिला के विभिन्न कॉलेजों के एनएसएस स्वयंसेवक, एनसीसी कैडेट्स सहित 350 से अधिक युवा शामिल हुए, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। कार्यक्रम में पटना से आये अंकित पाठक, कॉलेज के एनसीसी पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी सहित अनेक शिक्षक एवं कर्मी भी शामिल हुए। कार्यक्रम को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर चौरसिया ने मुख्य अतिथि के रूप में तथा अंत में अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य प्रो अनिल कुमार मण्डल ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपक त्रिपाठी ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ अवधेश झा ने किया। प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने विषय विशेषज्ञों से प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर भी प्राप्त किया।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ चौरसिया ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां 65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। ये केवल संख्या नहीं, बल्कि अमूल्य मानव संसाधन हैं। अपार युवा शक्ति का सही उपयोग होने से विकसित भारत निर्माण का लक्ष्य आसन हो जाएगा। युवा शक्ति ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। हमें युवाओं में राष्ट्रभक्ति, नेतृत्व क्षमता, अनुशासन तथा जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना होगा। उन्होंने युवा शक्ति को देश की रीढ़ बताते हुए कहा कि युवा विकसित भारत-2047 का केवल साक्षी ही नहीं, बल्कि वास्तविक सारथी बनें। विकसित भारत युवा कनेक्ट प्रोग्राम युवाओं को सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि नीति निर्माता तथा सक्रिय सहयोगी बनता है। हम भारत की युवा शक्ति को सही दिशा देकर भारत को समृद्ध, आत्मनिर्भर तथा विकसित राष्ट्र बनने की आधारशिला रख सकते हैं।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रो अनिल कुमार मंडल ने अतिथियों एवं युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि युवा सहित हम सबके सक्रिय सहयोग एवं उचित कर्तव्य पालन से भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा। इसके लिए युवाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करना अनिवार्य है। हमें युवाओं के कौशल एवं नवाचार के द्वारा रोजगार सृजन करना होगा। विकसित भारत कार्यक्रम अब केवल सरकार की एक योजना न रहकर एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि 1947 का भारत सिर्फ भौतिकता की ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक, पर्यावरण, हरित ऊर्जा, कृषि-खाद्यान्न आदि संपूर्ण रूप में विकसित होगा, जिसमें सीमांत पर खड़े व्यक्ति का भी अहम योगदान होगा।।