#MNN@24X7 दरभंगा, 22 फरवरी, कृषि कार्यालय बहादुरपुर परिसर में प्रमंडलीय उद्यान प्रदर्शनी /प्रतियोगिता और किसान मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री गोपालजी ठाकुर माननीय सांसद महोदय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।इस अवसर पर उद्यान कार्यालय के द्वारा कई स्टॉल लगाया गया है एवं माननीय सांसद महोदय ने निरीक्षण किया साथ ही अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिया

दरभंगा प्रमंडल के तीनों जिलों से 100 से अधिक किसान एवं 1500 सब्जी उत्पादक ने अपने अपने उत्पादन का प्रदर्शन किया। आज वैज्ञानिक चार सदस्य टीम के द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

किसानों के द्वारा वर्ग की प्रविष्टि बहुत पैमान पर की जाती है,किसान को प्रथम पुरस्कार 03 हजार रूपये,द्वितीय पुरस्कार 02 हजार रूपये,तृतीय पुरस्कार 1,000 एवं विशिष्ट पुरस्कार 05 हजार रूपये राशि उनके बैंक खाता में प्रदान की गई। स्कूली बच्चों के द्वारा आज कृषि उत्पादन से संबंधित कलात्मक रंगोली का प्रदर्शन किया गया, जिसको माननीय सांसद महोदय ने मेडल आदि देकर सम्मानित किया।

इस प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार के 15 वर्ग प्रादर्श शाखा के अंतर्गत कुल 46 किसान को प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है।

उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हर्ष की बात है कि मिथिला के केंद्र दरभंगा में भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रमंडल स्तर पर इस तरह आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम की संचालन में नीरज कुमार जिला उद्यान उद्यान पदाधिकारी ,जिला कृषि अधिकारी सिद्धार्थ के द्वारा इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । आज के कार्यक्रम में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी ,प्रखंड कृषि अधिकारी आदि अधिकारी उपस्थित थे।

उन्होंने डीडीएम नाबार्ड को बाढ़ के दौरान अच्छा काम करने को लेकर धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि आज बहुत प्रसन्नता हुआ की प्रदर्शनी मेला में फल, फूल,सब्जी आदि का प्रदर्शनी लगाया गया है। इस अवसर पर जिला कृषि के पूरे टीम को धन्यवाद एवं बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रमंडलीय स्तरीय उद्यान प्रदर्शनी-सह-प्रतियोगिता तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया जाता है,जिसमें दरभंगा,मधुबनी एवं समस्तीपुर जिला के किसान सम्मिलित हुए।

प्रादर्श का मूल्यांकन चार सदस्यीय टीम,दो वैज्ञानिक, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, केन्द्रिय विश्वविद्यालय,पूसा, समस्तीपुर, बिहार तथा दो वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले द्वारा किया गया है। इसके साथ ही स्कूल के बच्चो के द्वारा कृषि आधारित रंगोली का निर्माण किया गया जिसमें परितोषक पुरस्कार दिया जायेगा।

इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य जिलों में चयनित कृषक द्वारा उत्पादन करने उच्च गुणवत्ता के फल,सब्जी एवं फूल उगाने के बीच प्रतिस्पर्द्धा पैदा करना है ताकि भविष्य में किसान उच्च गुणवत्ता के फल,सब्जी एवं फूल का उत्पादन कर सकें।

विगत वर्ष में बागवानी फसलों की खेती के लये किसान ज्यादातर जैविक विधि अपनाते है,जिससे प्रदूषण के बिना ही मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कायम रहती है,इसके अलावा बागवानी फसलों की कटाई-तुड़ाई के बाद निकलने वाला कचरा पशुओं को खिलाया या पेड़ो क लकड़ी को इस्तेमाल में ले लिया जात है,जिसके चलते प्रदूषण की संभावना बहुत ही कम बनी रहती है।

बागवानी फसलों की आधुनिक तकनीक से किसान फल, फूल, सब्जी एवं औषधीय फसल उगाने के लिये खुली जमीन के जगह अब पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस एवं अग्रपंक्ति प्रत्यक्षण के द्वारा फसल उपजाया जाता है। अब गांव के किसानों के साथ-साथ नौकरी पेशेवर युवा भी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर बागवानी फसल कर रहें है, बांकी कामों के मुकाबले बागवानी एक सुकूल वाला काम है और कम मेहनत में अच्छा उत्पादन भी मिल जाता है, जो बाजार में भी बागवानी फसलें आसानी से बिक भी जाती है, इसलिये अब गांव से लेकर शहरों तक लोग बागवानी को अपना व्यवसाय बना रहें है।