#MNN24X7 दरभंगा, 21 मार्च, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना स्नातकोत्तर इकाई के तत्वावधान में दरभंगा एवं मधुबनी जिले के युवाओं द्वारा भेजे गए वीडियो की स्क्रीनिंग आयोजित की गई।

विकसित भारत युवा संसद के सन्दर्भ में कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पांडेय द्वारा अध्यक्षता के दौरान कहा गया कि युवा संसद कार्यक्रम केवल एक मंचीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है, जहाँ युवा नीति-निर्माण की प्रक्रिया को समझते हैं और अपने विचारों को सशक्त रूप से प्रस्तुत करना सीखते हैं। विकसित भारत की संकल्पना में यह कार्यक्रम युवाओं को सही दिशा प्रदान करेगा एवं उनके अंदर देशभक्ति का जज्बा भरकर “एक भारत श्रेष्ठ भारत” को साकार करेगा।

उन्होंने सुयोग्य युवाओं के चयन पर जोर दिया। पी आर ओ निशिकांत सिंह के द्वारा सूचना मिली कि इस कार्यक्रम में कुल 149 वीडियो का रजिस्ट्रेशन हुआ जिनका मूल्यांकन कर 107 युवाओं का चयन किया गया। यह मूल्यांकन वर्बल कम्युनिकेशन , कंटेंट रिलिवेंस, इनोवेशन एवं क्रिएटिविटी , भाषागत प्रवाह (Language Fluency) , समय सीमा के मानकों पर आधारित था। चयनित प्रतिभागियों को जिला स्तरीय युवा संसद में दिनांक 24 एवं 25 को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हाल में बुलाया जाएगा। इस स्क्रीनिंग प्रक्रिया का संचालन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम से जुड़े डॉ. आर् एन चौरसिया, राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. रघुवीर कुमार रंजन, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा एवं कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा, द्वारा किया गया।

इसके अतिरिक्त व्याकरण विभाग की डॉ. सविता आर्य एवं डॉ. यदुवीर स्वरूप प्रसाद भी स्क्रीनिंग में सम्मिलित थे। कार्यक्रम के दौरान छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. शिवलोचन झा का स्वागत किया गया, विषय प्रवर्तन सी सी डी सी डॉ. दिनेश झा, एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा द्वारा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। संयोजन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश कुमार झा एवं में . अ. रमेश्वरलता से सहायक आचार्य डॉ. रामसेवक झा भी उपस्थित रहे।

यह आयोजन विश्वविद्यालय के छात्रों में वाद-विवाद एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रहा।