#MNN@24X7 दरभंगा, कुंवर सिंह महाविद्यालय लहेरियासराय, दरभंगा, में स्वामी विवेकानंद जयंती के पूर्व संध्या पर स्वामी विवेकानंद जीवनी, व्यक्तित्व, कृतित्व एवं उपलब्धियों पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न वक्ताओं ने तथा महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने विचारों को रखा तथा स्वामी विवेकानंद के कृतित्व-व्यक्तित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर शंभू कुमार यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं राष्ट्रभक्ति से छात्रों को सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को छात्र को अपने जीवन में कार्य रूप में परिणत करना चाहिए जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके तथा वे राष्ट्र को उन्नति में सहायक हो सके ।
कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए महाविद्यालय के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अमित कुमार सिन्हा ने 12 जनवरी 2025 के राष्ट्रीय युवा दिवस के इस वर्ष के थीम ‘राष्ट्र निर्माण के लिए युवा सशक्तिकरण’ के विषय पर प्रकाश डाला तथा स्वामी विवेकानंद की महान योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद ने मानवतावाद को सामाजिक प्रासंगिकता तथा सामान्य गृहस्थ जीवन को आध्यात्मिक प्रासंगिकता से जोड़ा तथा बताया कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में विवेकानंद का वही स्थान है जो फ्रांसीसी क्रांति में रूसो का और इटली के एकीकरण में मैजिनी का।
इस कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए हिंदी विभाग के डॉक्टर संजीव कुमार ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रणेता के रूप में चिन्हित किया । महाविद्यालय के मैथिली विभाग के डॉ मनोज कुंवर ने स्वामी विवेकानंद के शिक्षा से संबंधित विचार रखा जिसमें उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद का शिक्षा विचार छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं चरित्र विकास था न केवल छात्रों द्वारा डिग्री हासिल करना अथवा रोजगार हासिल करना ।
इस कार्यक्रम में आगे राजनीति शास्त्र की डॉ गुंजन कुमारी ने स्वामी विवेकानंद का महिलाओं के प्रति योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद महिला पुरुष समानता तथा महिला सशक्तिकरण में विश्वास करते थे तथा उन्होंने स्वामी विवेकानंद का एक वाक्यांश प्रस्तुत किया जिसमें स्वामी विवेकानंद ने कहा था 500 समर्पित व्यक्तियों के साथ मुझे इस देश को सुधारने में 50 वर्ष लगेंगे लेकिन 50 समर्पित स्त्रियों के सहयोग से मैं यह कार्य कुछ ही वर्ष में संपन्न कर सकता हूं ।
अंत में उर्दू विभाग के डॉ अब्दुल बदूद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक तथा छात्र-छात्रा बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के आनेक छात्र/छात्रा विवेक कुमार, अमन श्रीवास्तव, प्रिंस कुमार, गोविंद कुमार, विकास कुमार, मुस्कान कुमारी, सुरुचि कुमारी, बबिता कुमारी,रुचि सिंह, साक्षी कुमारी, विनोद सिंह इत्यादि छात्र उपस्थित थे।