#MNN24X7 दरभंगा, विश्वव पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि शास्त्रों में इसके लिए कई विधान व उपायों की चर्चा की गई है। स्वस्थ पर्यावरण की रक्षा व उसकी संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता जरूरी है। इसी कड़ी में उन्होंने महत्वपूर्ण पर्व त्योहारों की चर्चा करते हुए कहा कि इससे भी हमें स्वस्थ जीवन व शुद्ध पर्यावरण का संदेश मिलता है। जरूरत है उसकी शास्त्रीय चर्चा कर आमजनों में सीधा सन्देश देने की। उन्होंने कहा कि हमें यह भी गौर करना होगा कि विभिन्न उत्सवों व लोकाचारों को सम्पन्न करने के दौरान अपने यहां पेड़ पौधों को भी पूजा जाता है। यह भी पर्यावरण संरक्षण का एक सशक्त माध्यम ही है।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि पर्यवरण मंच द्वारा सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलसचिव प्रो0 ब्रजेशपति त्रिपाठी ने भी प्लास्टिक वस्तुओं का कम से कम उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि बाजार से प्लास्टिक बैग व अन्य सामान नहीं खरीदना है। इस अवसर पर यह भी विचार जरूरी है कि किस तरह के प्लास्टिक के सामान को हम त्याग सकते हैं। वहीं डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग करने के लिए एक वर्कशॉप कर जागरूकता लाने की जरुरत है। उन्होंने इस विधि से बच्चों का खिलौना आदि तैयार करने पर बल दिया। उधर, भूसंपदा पदाधिकारी डॉ उमेश झा ने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण हमारे जीवन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के ग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका के विभिन्न पौधे से हमें अवगत होना चाहिए। शास्त्रीय दृष्टि से रत्न, माणिक्य के अभाव में लोग ग्रह शांति के लिए उस नक्षत्र, ग्रहों के पेड़ -पौधाओं की जड़ की लकड़ी का टुकड़ा भी धारण करते हैं। इससे पर्यावरण के साथ साथ स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। इसके अलावा कई वक्ताओं ने पॉलीथीन के कमतर उपयोग तथा धुआं आदि से बचाव पर चर्चा की। मंच संचालन डॉ.धीरज पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सुधीर कुमार झा ने किया।
समारोह में विकास पदाधिकारी डॉ.पवन कुमार झा, डीआर टू डा.सुनील कुमार झा,नोडल पदाधिकारी डॉ.रामसेवक झा , विश्वमोहन झा सहित विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित थे।