#MNN@24X7 दरभंगा – डा चन्द्रधर झा की अध्यक्षता और संचालन श्रीचन्द्रेश ने किया। लक्ष्मेश्वर लाइब्रेरी में डा टुन टुन झा द्वारा रचित “तनुका” कविता संग्रह का विमोचन हुआ। इस अवसर पर उद्घाटन किया पूर्व कुलपति डा देवनारायण झा ने किया। अपने उद्बोधन में कहा कि अपनी रचना के बदौलत टुनटुन बाबू अमर हैं जिन्होंने भुगोल का विद्वान होते हुए मैथिली साहित्य में रचना की।।

इस अवसर पर डा भीमनाथ झा ने कहा कि वर्तमान समय में कविता छन्दवद्ध नहीं रही।जो समझना मुश्किल है।

डा बैद्यनाथ चौधरी ने कहा कि टुनटुन बाबू बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर मैं इनके शिष्य के रुप में गौरवान्वित महसूस करता हूं।

इस अवसर पर प्रोफेसर श्रीउदय शंकर मिश्र ने कहा कि मैथिली कविता संग्रह दिया जो सराहनीय है। आज आवश्यकता है कि मैथिली भाषा में डा टुन टुन झा भुगोल की रचना कर ऐतिहासिक महत्व को उजागर करें। मैथिली जगत आपका ऋणी रहेगा।

इस अवसर पर तरुण मिश्र ने स्वागत भाषण दिया और भगवती गीत और स्वागत गीत डा सुषमा झा ने गायन किया।

डा योगानंद झा डा मंज़र सुलेमान डा बूचरु पासवान डा चौधरी हेमचंद्र राय प्रोफेसर चन्द्रमोहन पड़वा प्रो चन्द्रशेखर झा बुढ़ा भाई भावेश चन्द्र मिश्र शिवांशु डा राममोहन झा बचनेश्वर झा सुनिल कुमार झा चन्द्रप्रकाश गौतम कुमार झा बिजय नाथ झा रौशन कुमार झा बिनोद झा।