#MNN24X7 दरभंगा कृषि विज्ञान केन्द्र जाले में तिलहन समूह अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में किसानों को संबोधित करते हपद्म भूषण हुकुम देव नारायण यादव ने किसानों को तिलहन की वैज्ञानिक खेती कर अपना आय बढ़ाने का सुझाव दिया
उन्होंने बताया कि ज्यादा उपज के लिए हमें उच्च गुणवत्ता वाले बीज का प्रयोग करना, वैज्ञानिक पद्धति से उच्च गुणवत्ता वाले बीज की बुवाई, खरपतवार नियंत्रण और पोषक तत्व उपयोग दक्षता और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए।

उन्होंने ने कृषि विज्ञान केंद्र जाले के समस्त वैज्ञानिकों की सराहना की। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि प्रत्यक्षण कार्यक्रम के लिए किसानों को सरसों बीज , सल्फर, बोरोन, खरपतवारनाशी की दवा पेंडिमेथैलीन, फफूंदनशी कार्बेंडाजिम एवं मनकोजेब, कीटनाशी दवा इमिडाकलोरपिड उपलब्ध कराया गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत जाले एवं सिंघवारा प्रखंड के समधिनिया मनमा नारौच्छ एवं कटका गांव के लगभग 90 चयनित किसानों को प्रशिक्षित किया गया एवं उपादान उपलब्ध कराया गया।

डॉ. चन्दन कुमार, प्रक्षेत्र प्रबंधक ने कृषकों को सरसों की वैज्ञानिक खेती पद्धति की जानकार दी। इस कार्यक्रम में उपस्थित डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा उद्यान विशेषज्ञ ने बताया कि तिलहन फसलों जैसे सरसों एवं तिल की खेती आम, अमरूद, लीची एवं आंवला जैसे बागानों में भी कर सकते हैं जिससे प्रति यूनिट खेत की उपज बढ़कर आय दो गुणी की जा सकती है।