भजन एक साधना है जो व्यक्ति को उसके अंतर्मन से परिचित कराकर ईश्वर के साथ जोड़ने में सक्षम- न्यासी डा संतोष कुमार।

भजन हमारे जीवन में नैतिकता एवं आध्यात्मिकता का समावेश कर पारलौकिक आनंद की प्राप्ति कराने में सक्षम- प्रो रमेश झा।

समाज में एकता एवं भाईचारे की भावना को बढ़ाने वाला भजन, आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम- डॉ चौरसिया।

#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिलांचल की प्रमुख नगरी दरभंगा स्थित मां श्यामा मंदिर परिसर में न्यास समिति की ओर से संध्या- भजन एवं सामूहिक भंडारा का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलित कर उद्घाटित इस कार्यक्रम में मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के न्यासी सदस्य डॉ संतोष कुमार पासवान, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ आर एन चौरसिया, डॉ अंजू कुमारी, प्रो रमेश झा, शिव कुमार गुप्ता, पंडित महेशकांत झा एवं उज्ज्वल कुमार सहित 200 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर आयोजित भजन- संध्या में पारस पंकज झा के नेतृत्व में तबले पर चंद्रमणि झा, पैड पर अभिजीत के साथ ही अनुपमा मिश्रा, विभा झा, सविता झा, विपिन तथा पारस पंकज आदि ने मनमोहक भजन-गायन प्रस्तुत कर भक्तों को भाव- विभोर कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मां श्यामा न्यास समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार पासवान ने कहा कि भजन एक महत्वपूर्ण साधन है जो व्यक्ति को उसके अंतर्मन से परिचित कराकर उन्हें ईश्वर के साथ जोड़ने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भजन गाने या सुनने से हमारे मन को परम शांति एवं बेहद सुकून मिलता है। यह हमारे रोजमर्रा के तनाव और चिंताओं से मुक्ति भी दिलाता है।

श्यामा मंदिर के पूर्व न्यासी सह नवाह संचालन समिति के पूर्व संयोजक प्रो रमेश झा ने कहा कि भजन हमारे जीवन में नैतिकता तथा आध्यात्मिकता का समावेश करता है। इसके माध्यम से व्यक्ति स्वर्गिक एवं पारलौकिक आनंद की प्राप्ति करने में भी सक्षम हो जाता है। इसके लिए उन्होंने सभी भजन- गायक कलाकारों को धन्यवाद देते हुए सभी श्रोताओं का स्वागत किया।

संस्कृत-प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि भजन समाज में एकता एवं भाईचारे की भावना को बढ़ता है। यह आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि भजन गाने या सुनने से एक सकारात्मक ऊर्जा एवं अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है जो मन और आत्मा को प्रफुल्लित करता है। डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि भजन सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हुए हमें ईश्वर की पूजा एवं स्तुति में शामिल होने का सुअवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है तथा उसका तनाव भी कम होता है। भजन संध्या के उपरांत सभी मां श्यामा-भक्त, कलाकार, अन्य कर्मी, आयोजक तथा उपस्थित सभी व्यक्तियों ने सामूहिक भंडारा में भी शामिल हुए।