वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी मौके पर पहुँचे, सरकार पर साधा निशाना
#MNN24X7 दरभंगा, जिले में बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-27 (एनएच-27) पर बसेला चौक के समीप उस समय अफरा-तफरी और तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया, जब रामसेवक राम की संदिग्ध मौत के विरोध में आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर हाईवे जाम कर दिया। करीब दो घंटे तक चले इस जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मृतक रामसेवक राम वैशाली जिले के एक लाइन होटल में रसोइए के रूप में कार्यरत थे। परिजनों का आरोप है कि होटल में काम करने के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। ‘देसी मसाला’ नामक होटल के संचालक ने फोन पर परिजनों को रामसेवक की मौत की सूचना दी थी। सूचना मिलते ही दरभंगा से परिवार के पाँच सदस्य होटल पहुँचे, जहाँ उन्हें बताया गया कि पोस्टमार्टम पहले ही करा लिया गया है।
परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य आवश्यक कागजात माँगे, तो होटल प्रबंधन कोई दस्तावेज़ नहीं दिखा सका। उलटे, शव को जल्द से जल्द ले जाने का दबाव बनाया गया। इस व्यवहार से परिजन और अधिक संदेह में आ गए। शव लेकर दरभंगा लौटने के बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस से सहायता और निष्पक्ष जांच की माँग की, लेकिन अपेक्षित कार्रवाई न होने से आक्रोश भड़क उठा और अंततः एनएच-27 को जाम कर दिया गया।
इसी दौरान विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सुप्रीमो मुकेश साहनी भी जाम में फँस गए। वे स्वयं मौके पर पहुँचे और परिजनों से मुलाकात कर उनकी बात सुनी। उन्होंने घटना को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। मुकेश साहनी ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। लोगों का सरकार और व्यवस्था से भरोसा उठ गया है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार खुद बीमार हैं और सरकार पूरी तरह कॉलेप्स हो चुकी है, इसलिए आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है।”
स्थानीय लोगों और परिजनों ने होटल मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई, मामले की निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की माँग की। करीब दो घंटे तक प्रशासन, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत चली। अंततः प्रशासन ने निष्पक्ष जांच कराने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिया, जिसके बाद परिजनों ने जाम हटाया।
जाम समाप्त होने के बाद यातायात धीरे-धीरे सामान्य हुआ, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था और श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रिपोर्ट नीरज कुमार राय