“नारायणस माय प्ले स्कूल” के माध्यम से यहां के बच्चों द्वारा लिखा जाएगा नया इतिहास- प्रो प्रभाकर।
कम खर्चे में ही विश्व स्तरीय शिक्षा देकर यह स्कूल सभी अभिभावकों के सपने को करेगा साकार- राजानंद झा।
#MNN@24X7 दरभंगा के कबड़ाघाट में आज “नारायणस माय प्ले स्कूल” नाम से दिल्ली के विश्व विख्यात ‘माय छोटा स्कूल’ के नये फ्रेंचाइजी ब्रांच का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 पर आधारित यह एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो 6 वर्ष तक के बच्चों को खेलकूद, खिलौनों, गतिविधियों तथा अनुभवों पर आधारित शिक्षा प्रदान करता है जो बच्चों के शारीरिक,मानसिक,भावात्मक तथा सामाजिक आदि सर्वांगीण विकास हेतु एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें रंगीन किताबें, चार्ट पेपर, फ्लैश कार्ड, ब्लॉक्स एवं पजल्स आदि का उपयोग किया जाता है। साथ ही फेस्टिवल सेलिब्रेशन, गाना- डांस, ड्रामा तथा प्रतियोगिताओं आदि के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास तथा जिज्ञासा उत्पन्न की जाती है, ताकि बच्चे स्वाभाविक रूप से सीख सकें। स्कूल बच्चों को स्वच्छ-स्वस्थ, रचनात्मक तथा प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करेगा।
स्कूल के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो प्रभाकर पाठक ने कहा कि नारायणस माय प्ले स्कूल के माध्यम से यहां के बच्चों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नया इतिहास लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमलोग उचित सहयोग एवं मार्गदर्शन करेंगे, ताकि यह स्कूल नया मुकाम प्राप्त कर सके और बच्चों का बेहतरीन विकास हो सके।
मुख्य अतिथि के रूप में प्लस टू राज हाई स्कूल, दरभंगा के विज्ञान- शिक्षक राजानंद झा ने कहा कि कम खर्चे में ही विश्व स्तरीय शिक्षा देकर यह स्कूल सभी अभिभावकों के सपनों को साकार करेगा। वर्तमान एकाकी परिवार की स्थिति में यह प्ले स्कूल बच्चों के लिए वरदान सिद्ध होगा। ऐसे स्कूल बच्चों में सोए हुए ज्ञान एवं विवेक रूपी बीज को संचित करते हैं, क्योंकि घर में छोटे बच्चों के देखरेख हेतु अभिभावकों में समय की कमी हो गयी है।
वाणिज्य- प्राध्यापक डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि आज छोटे बच्चों की समुचित शिक्षा एक चुनौती है, पर यह प्ले स्कूल बाह्याडम्बर से दूर होकर बच्चों के सही शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण कर रहा है। शिक्षा-प्रेमी ओम प्रकाश ने कहा कि बच्चे नैतिक शिक्षा तथा सही संस्कार के माध्यम से अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र से अधिक लगाव महसूस करते हैं। ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल के प्राचार्य अमरनाथ साह ने कहा कि प्ले स्कूल से बच्चों के मूल आधार मजबूत होंगे। शिक्षा के प्रचार- प्रसार से ही समाज का वास्तविक विकास होगा।
प्रो मधुरंजन प्रसाद ने कहा कि उचित शिक्षा के बिना व्यक्ति पशुवत् होता है। ‘चाइल्ड इज द फादर ऑफ नेशन’ कहा जाता है, क्योंकि बच्चे ही समाज एवं राष्ट्र के भविष्य होते हैं। डॉ महेंद्र लाल दास ने कहा कि बचपन कोरा एवं कोमल होता है, जिसे प्ले स्कूल के द्वारा मनचाहा रूप दिया जा सकता है। डॉ मनोज कुमार कुमर ने कविता- पाठ के द्वारा बच्चों के उचित शिक्षण के माध्यम से भारत के समृद्ध एवं खुशहाल बनने की आशा व्यक्त की। प्रो राजकुमार साह ने कहा कि इस प्ले स्कूल से अभिभावकों के सपने निश्चय ही पूरे होंगे। पार्षद रानी देवी ने वार्ड नंबर-7 के कबड़ाघाट में प्ले स्कूल खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमलोग स्कूल के विकास हेतु पूर्ण सहयोग करेंगे। विषय प्रवेश करते हुए संस्कृत- प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि ‘प्ले वे मेथड’ बच्चों को पढ़ाने की एक नवीन एवं प्रभावी शिक्षण विधि है, क्योंकि इसमें बच्चे खेलते हुए बेहतर और स्वाभाविक रूप से सीखते हैं। यह विधि बच्चों के स्वाभाविक विकास एवं रुचियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इस स्कूल में बच्चे ड्राइंग, पेंटिंग, मड मॉडलिंग, कहानी, राइम्स, गाने, संवाद आदि मनोरंजक तरीके से पढ़ सकेंगे।
प्रारंभ में नामांकित बच्चे- खुशी, आदित्य, कश्यप आदि द्वारा लाल फीता काटकर स्कूल का शुभारंभ किया गया। वहीं उद्घाटन समारोह का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ, जबकि अतिथियों का स्वागत पाग, चादर तथा मिथिला पेंटिंग से किया गया। प्रारंभ में गोसावनी गीत तथा स्वागत गान डॉ प्रेम कुमारी तथा जय किशोर द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्कूल शिक्षक- मंजीत कुमार तथा वैष्णवी के संचालन में आयोजित समारोह में स्वागत संबोधन निदेशक डॉ अंजू नारायण ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रशांत कुमार झा ने किया।
इस अवसर पर डॉ विष्णु भगत, सरोज कुमारी, डॉ संदीप कुमार, डॉ संजीव कुमार साह, डॉ माधवी कुमारी, नित्यानंद मिश्र, प्रकाश चन्द्र मिश्र, ताराकांत कुंमर, मनोरंजन झा, बालेन्दु, प्रणव नारायण, शारदानंद, भास्कर चौरसिया, कृष्ण मोहन भगत, जय नारायण सिंह, अशोक ठाकुर, अमित, रवि रंजन, अनुराधा, प्रमोद झा, मनोज कुमार झा, अवंतिका, अनन्या, आकाश अग्रज, शिव कुमार, स्वाति कुमारी तथा हर्षित राज सहित 80 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।