अच्छे अंकों की प्राप्ति एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में कोचिंग की भूमिका अति महत्वपूर्ण- पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ।
कोचिंग का उद्देश्य छात्रों की मानसिक क्षमता को पहचान कर उसे विकसित करना तथा लक्ष्य की ओर प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सहायता करना- डॉ चौरसिया।
#MNN24X7 दरभंगा, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, मिलिट्री स्कूल, आर्मी स्कूल, सिमुलतला विद्यालय, वनस्थली स्कूल तथा आरके मिशन आदि आवासीय विद्यालयों में छठी कक्षा में नामांकन की बेहतर तैयारी के उद्देश्य से दरभंगा शहर के वार्ड नंबर- 7 स्थित कबड़ाघाट में “नारायणस माय कोचिंग सेन्टर” का शिक्षाविदों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस सेन्टर में संध्या 4:30 से 6:30 बजे के बीच 3 से 6 कक्षा तक के बिहार बोर्ड एवं सीबीएसई बोर्ड के छात्र-छात्राओं को हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से न्यूनतम शुल्क में ही कोचिंग कराया जा रहा है। साथ ही भारत के श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में कक्षा-6 हेतु नामांकन की विशेष तैयारी भी कराई जा रही है। इच्छुक छात्र-छात्राएं या उनके अभिभावक मुख्य शिक्षक प्रियांशु कुमार से मो नंबर 89860 62268 पर संपर्क कर कोचिंग प्रारंभ कर सकते हैं, जबकि विशेष जानकारी एवं उचित मार्गदर्शन के लिए मुख्य संरक्षक डॉ आर एन चौरसिया से 9905437636 नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है।
सीएम कॉलेज, दरभंगा के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विद्यानाथ झा ने मुख्य अतिथि के रूप में कोचिंग का उद्घाटन करते हुए कहा कि कोचिंग से छात्रों को अपने लक्ष्य की सही जानकारी, समुचित दिशा- निर्देश तथा कुशल रणनीति बनाने में मदद मिलती है। इससे छात्रों की सीख और प्रदर्शन में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि अच्छे अंकों की प्राप्ति एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में कोचिंग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।
मुख्य वक्ता लोकवैद्य महेन्द्र लाल दास ने कहा कि वर्तमान शिक्षा- प्रणाली मैकालयी है, जिसमें गुणवत्ता का अभाव है। यदि बचपन में ही बच्चों को संस्कारित कर दिया जाए तो वे पूरे उम्र उन्हें नहीं भूलते हैं। इस कोचिंग में शिक्षा के साथ ही दीक्षा की भी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ‘सत्यं शिवं सुन्दरम्’ से बच्चों का जीवन सफल होगा। कठिन परिश्रम एवं निरंतर अभ्यास से ही छात्र जीवन में निखार आता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में संगीत- प्राध्यापिका डॉ प्रेम कुमारी ने कहा कि आज शिक्षा के साथ ही छात्रों का चरित्र- निर्माण एवं संपूर्ण विकास आवश्यक है। कोचिंग में पाठ्यक्रम के अनुसार समय- सारणी से पढ़ाई होती है। वहीं लगातार परीक्षा, टेस्ट सीरीज एवं मॉक टेस्ट से छात्र अपनी तैयारी का मूल्यांकन भी कर पाते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि कोचिंग छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो उनकी छिपी क्षमताओं को पहचान कर, उन्हें प्रोत्साहित कर जीवन के लक्ष्यों को पाने की दिशा में आगे बढ़ता है तथा लक्ष्य की और प्रभावी ढंग से बढ़ाने में सहायता करना है।
हिन्दी-प्राध्यापक डॉ संतोष कुमार ने कहा कि आज परिवार एवं समाज में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है, इसीलिए एनइपी- 2020 में वैल्यू एडेड कोर्सों को जोड़ा गया है। इस कोचिंग के साथ हम लोगों के सहयोग एवं श्रम से गरीब, पिछड़े एवं दलित बच्चों को भी मुख्य धारा में लाया जा सकता है। सी एम कॉलेज, दरभंगा के इतिहास- प्राध्यापक डॉ संदीप कुमार ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल कक्षा की पढ़ाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों को उचित मार्गदर्शन, प्रेरणा तथा अभ्यास की जरूरत होती है। उन्होंने कोचिंग को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण सहायक स्तंभ बताते हुए आह्वान किया कि आसपास के बच्चे इस कोचिंग का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
अतिथियों का स्वागत पाग, चादर एवं माता जानकी की मिथिला पेंटिंग से किया गया। इस अवसर पर मुख्य शिक्षक- प्रियांशु कुमार, ओनर- प्रेरणा नारायण, अशोक कुमार ठाकुर आदि ने भी विचार व्यक्त किया, जबकि गणित-प्राध्यापक डॉ नरेश दास, वाणिज्य-प्राध्यापिका डॉ माधवी कुमारी, विज्ञान-शिक्षक अरुण कुमार, अनुपम कुमारी, रवि रंजन, आदित्य कुमार पासवान, पूजा कुमारी, अभिषेक यादव एवं अरविन्द कुमार आदि उपस्थित थे। मुख्य शिक्षक प्रियांशु कुमार के संचालन में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉ अंजू कुमारी ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रशांत कुमार झा ने किया।