#MNN@24X7 दरभंगा, 17 फरवरी, जिला पदाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में मंडल कारा दरभंगा में बंदी दरबार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दरभंगा रंजन देव,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दरभंगा, अमित कुमार,अधीक्षक मंडल कारा दरभंगा स्नेह लता,उपाधीक्षक मंडल कारा दरभंगा,चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बंदी दरबार में जिला पदाधिकारी के समक्ष बंदियों ने बारी-बारी से अपनी एवं अपने परिवार से संबंधित समस्याएँ लिखित रूप में प्रस्तुत किये।

जिला पदाधिकारी ने बंदियों के समस्याओं का समाधान किया।

बंदी दरबार में शिक्षा एवं स्वरोजगार पर चर्चा भी चर्चा की गई।

एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) के माध्यम से उत्तीर्ण 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में सफल होने वाले बंदियों को प्रमाण पत्र एवं मेडल प्रदान किए गए।

गौतलब है कि एक बंदी ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि 10वी और 12वी के बाद उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए जेल में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की स्थापना की जाए।

इस पर जिला पदाधिकारी ने अधीक्षक मंडल कारा, दरभंगा को निर्देश दिया कि इग्नू IGNOU की स्थापना के लिए समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही करे।

इस अवसर पर महिला बंदियों के लिए डॉ.भीमराव अंबेडकर योजना के तहत 30 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

नाबार्ड के सहयोग से एवं उपहार अनमोल सेवा फाउंडेशन के सौजन्य से 10 दिवसीय प्लंबिंग एवं स्वच्छता कार्य प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

स्वास्थ्य,स्वच्छता एवं बुनियादी सुविधाओं पर चर्चाकी गई, साथ ही जिला पदाधिकारी महोदय ने जेल में स्वास्थ्य,सफाई एवं शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर विशेष चर्चा की।

उन्होंने चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि जेल में बंदियों को नियमित स्वास्थ्य जांच एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

शिक्षा के महत्व को देखते हुए जेल में विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार करने का सुझाव दिया गया।

एक बंदी द्वारा जेल में लघु उद्योग स्थापित करने का सुझाव दिया,जिस पर जिला पदाधिकारी महोदय ने आश्वासन दिया कि कारा प्रशासन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे एवं लघु उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

बंदी दरबार में बंदियों द्वारा विभिन्न प्रकार की समस्याएँ भी रखी गईं, जिनका समाधान जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा मौके पर ही किया गया।

जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए कि सभी सुधारात्मक कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि बंदियों का पुनर्वास सुनिश्चित हो सके।