#MNN@24X7 दरभंगा क़ृषि विज्ञानं केंद्र जाले के मात्स्यकी वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार शर्मा द्वारा नगरडीह ग्राम, वार्ड 7 पंचायत काजी बहेड़ा जाले ब्लॉक में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसका मत्स्य बीज संचय पूर्व एवं पश्चात तालाब का प्रबंधन था।

डॉ. शर्मा ने बताया कि तालाब या जलाशयो में मछलीयों का उचित प्रबंधन के आभाव में बीमारियों कि सम्भावना बढ़ जाती है जिससे कई बार मछली पालको को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वस्थ बीज संचय एवं उचित प्रबंधन मछलियों को विभिन्न बीमारियों के प्रकोप से बचा सकता है अतः किसान को बीज डालने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बीज मत्स्य विभाग द्वारा प्रमाणित हॉचेरी से ख़रीदा गया हो साथ ही वह फिंगर्लिंग आकर का होना चाहिए।

बीमारियों के होरीजोंटल संक्रमण को रोकने के लिए तालाब में बाहरी गंदगी को फैलने से रोके उसके लिए तालाब के बाहर ा अंदर अलग अलग जूते चप्पल का प्रयोग करें साथ ही जाल को अलग अलग तालाब में इस्तेमाल करने से पहले kmno4 कि सहायता से नीरजर्मिकृत करें।

इसके साथ विभिन्न कारको जैसे तापमान, अक्सीजन, टी डी एस, अमोनिआ आदि का उचित प्रबंधन करें

डॉ शर्मा ने बताया कि मछली पालक केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना कि सहायता से अनिसूचित जाती जनजाति एवं महिला वर्ग को 60% एवं अन्य वर्ग को 40% अनुदान राशि का प्रावधान है। जिसके माध्यम से मछली पालक अपने मछली पालन व्यवसाय हेतु सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते है।