—विशेष संवाददाता,

#MNN24X7 दरभंगा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिथिलांचल की धरती पर इस बार राजनीतिक हवा कुछ अलग ही चलती दिखी। शुरुआती चरणों से ही स्पष्ट हो गया था कि इस क्षेत्र में मुकाबला एकतरफा होता जा रहा है। मतदान के बाद आई राजनीतिक हलचलों और क्षेत्रीय समीकरणों से यह साफ है कि मिथिलांचल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ज़मीन स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।

मिथिलांचल का मूड: NDA के पक्ष में प्रचंड झुकाव

मतदान प्रतिशत में आई रिकॉर्ड बढ़ोतरी ने विशेषज्ञों का ध्यान चुनाव के शुरुआती दौर से ही खींचा था। दिलचस्प बात यह रही कि महिलाओं और युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या ने मतदान में अपनी भागीदारी दर्ज की, जो सत्ता-विरोधी माहौल की बजाय स्थिरता और विकास के मुद्दों पर केंद्रित दिखा।
ग्रामीण इलाकों में सड़क-बिजली-पानी के मुद्दों पर किए गए कामों और केंद्र की योजनाओं के असर का लाभ NDA को मिलता हुआ दिखाई दिया।

सीटों पर नियंत्रण का बदलता गणित

मिथिलांचल के प्रमुख जिलों के कई सीटों पर जहां पिछली बार मुकाबला कड़ा था, इस बार वह अंतर तेजी से NDA की ओर झुकता दिखा।

स्थानीय राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार,

जातीय समीकरणों की सटीक गणना,

जमीनी स्तर पर संगठन की सक्रियता,

और बूथ प्रबंधन की मजबूती
ने NDA को निर्णायक बढ़त दिलाई।

महागठबंधन पिछड़ता दिखाई दिया

महागठबंधन ने सामाजिक न्याय, बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी, लेकिन अभियान की गति और संगठनात्मक एकजुटता में वह पिछड़ता दिखाई दिया। कई सीटों पर टिकट चयन और अंतर्कलह ने उसे नुकसान पहुँचाया। यही वजह रही कि जहां पिछले चुनाव में जिस क्षेत्र को वह अपना मजबूत गढ़ मानता था, वहां भी इस बार मतदाताओं का रुझान अलग दिशा में दिखा।

जनता का संदेश—स्थिरता और विकास की ओर झुकाव

मिथिलांचल के गांवों से लेकर शहरों तक, मतदाताओं से बातचीत में एक बात लगातार उभरकर आई—“काम हुआ है, और होना चाहिए”। मतदाता इस बार जातीय नारों से अधिक विकास की निरंतरता के मुद्दे पर मतदान करते दिखे, जिससे NDA का वोट-बैंक और सघन हो गया।

राजनीतिक असर—दिल्ली तक गूंज

मिथिलांचल की सीटें बिहार की राजनीति में हमेशा निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं। इस क्षेत्र में NDA की जबरदस्त पकड़ से न सिर्फ बिहार की सत्ता का समीकरण बदलता दिख रहा है, बल्कि यह परिणाम राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी अहम संकेत दे रहा है।

इस बार मिथिलांचल ने सत्ता के समीकरण को एक नए रूप में पेश किया है। मतदाताओं ने साफ संदेश दिया है कि वे लगातार चल रहे विकास कार्यों और प्रशासनिक स्थिरता को तरजीह देते हैं। NDA की इस बड़ी बढ़त ने न केवल चुनावी तस्वीर साफ कर दी है, बल्कि यह भी बता दिया है कि आने वाले वर्षों की राजनीति में भी मिथिलांचल की भूमिका और महत्वपूर्ण होने वाली है।