#MNN24X7 दरभंगा, आज 13 अप्रैल, (रविवार ) मैथिली लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में मिथिला महोत्सव 2025 के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में एक संगोष्टी “मिथिला में पलायन की स्थिति समस्या और समाधान ” बिषय पर बलभद्रपुर स्थित एक निजी विद्यालय में आयोजित की गई। प्रो टुन टुन झा अचल की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी का संचालन सुजीत कुमार आचार्य ने किया।
बतौर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो एस एम झा ने कहा की लोग अपनी अस्मिता, पहचान और संस्कृति पर खतरा मोल लेकर पलायन करते हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिकास हुए बिना मिथिला से पलायन नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा की देवघर और दरभंगा में एक साथ एम्स की घोषणा हुई लेकिन आज तक दरभंगा में एक ईंट भी नहीं लगाया जा सका। बिषय प्रवेश कराते हुए उदय शंकर मिश्रा ने कहा की अच्छे रोजगार -उद्योग के लिए पलायन हो लेकिन दो समय भोजन की मज़बूरी में अगर पलायन होता हैं तों दुर्भाग्यपूर्ण हैं। साहित्यकार चंद्रेश ने कहा की कृषि आधारित उद्योग लगने से क्षेत्र के लोगो का स्वाबलंबन बढेगा।
नेपाल से आए राम भरोष कापड़ी ‘भ्रमर’ ने कहा की नेपाल स्थित मिथिला में भी लोगो को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बिदेश पलायन करना पड़ता हैं, डॉ योगानंद झा ने कहा की यहाँ श्रेय लेने की होड़ में बिकास कार्य अवरुद्ध होता हैं, मिथिला के लोगो को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए जल प्रबंधन के साथ जल आधारित फसल और कृषि आधारित उद्योग पर जोड़ देने की आवश्यकता हैं। अनूप कुमार झा ने कहा की देश के आईटी क्षेत्र में सेवा देने वाले अधिकांश लोग मिथिला के हैं लेकिन निर्माण के बाद भी दरभंगा आईटी पार्क का अभी तक उद्घाटन नहीं हो पाया हैं। प्रो टुन टुन झा अचल ने कहा की बाहरी ब्यापार बढ़ने से संस्कृति पर भी हमला होता हैं, मृत नदी, नाला और नहर के उराही से जल प्रबंधन और रोजगार उत्पन्न होगा।अतिथियों का स्वागत चौधरी हेमचंद रॉय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ बिजय शंकर झा ने किया।