#MNN@24X7 दरभंगा। मिथिला लेखक मंच के तत्वावधान में मैथिली साहित्य परिषद दिग्घी दरभंगा में “मिथिला मे जल प्रबंधन” विषय पर केन्द्रित संगोष्ठी आयोजित किया गया प्रो डा श्रीशंकर झा की अध्यक्षता और संचालन श्रीचन्द्रेश ने किया।

जल प्रबंधन विषय के विषेशज्ञ डा विद्यानाथ झा ने गाधि की सफाई व्यवस्था पुख्ता इंतजाम किए गए तो जल प्रबंधन का मूल तत्व है।

प्रोफेसर श्रीउदय शंकर मिश्र ने कहा कि नदी, तालाब, चौर चांचर,चभच्चा, को मिथिला में बचाने की जरूरत है। प्रत्येक जगह सफाई व्यवस्था के तहत जल के नीचे गाध की सफाई व्यवस्था होनी चाहिए। जल ही जीवन है और मिथिला में जल का प्रबंधन हो जाय तो यहां सफल राज्य मिथिला हो जाएगा।

इस अवसर पर प्रो राजकिशोर झा ने कहा कि जल का कुप्रबंधन के कारण और जंगल को बचाने की जरूरत है जिससे प्रदुषण मुक्त क्षेत्र बन सकता है।
इस अवसर पर तालाब बचाओ आंदोलन के नारायण जी ने कहा दरभंगा नगर निगम में 1980 से पहले 200 से उपर छोटा बड़ा पोखरा था आज 100 भी नहीं है। पोखरा को अतिक्रमण मुक्त करना जरूरी है।
अध्यक्षीय भाषण में डा श्रीशंकर झा ने कहा जल प्रबंधन विषय पर कहा कि पीपर पाकर बर का वृक्ष लगाएं और प्रदुषण मुक्त क्षेत्र होगा।

शुभानंद कुमार प्रोफेसर चन्द्रशेखर झा बुढ़ा भाई श्याम भास्कर योगानंद झा सुबेदार नन्द किशोर साहु मुकेश कुमार सोनू अतुल कुमार मिश्र सुमित कुमार झा मणिशंकर झा सुभाष कुमार झा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सुबेदार नंदकिशोर साहु ने किया का आयोजन किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर चन्द्रशेखर बुढ़ा भाई ने किया।