“रिसेंट एडवान्सेंस इन लाइफ साइंस : अपारचुनिटी एंड चैलेंजेज” विषय पर देश-विदेश के विद्वान प्रोफ़ेसर एवं वैज्ञानिकों ने अपने व्याख्यान दिए।

#MNN@24X7 दरभंगा, सेमिनार के उद्घाटन सत्र दीपप्रज्ज्वलन, अतिथियों, आमंत्रित वक्ताओं एवं आगँतुको का स्वागत एवं यूनिवर्सिटी के कुलगीत के साथ शुभारम्भ हुआ। शुभारम्भ सत्र में मंचस्थ अतिथियों के द्वारा सेमिनार की स्मारिका के विमोचन किया गया।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. जटा शंकर चौधरी (भूतपूर्व कमिशनर), सम्मानित अतिथि प्रो. ए.के.राय भूतपूर्व कुलपति बी.एन मंडल यूनिवर्सिटी एवं टी.एम.बी.यूनिवर्सिटी) की-नोट स्पीकर प्रो. एन.के.दुबे भूतपूर्व बॉटनी विभागाध्यक्ष, काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी वाराणसी) संरक्षक साइंस फैकल्टी के डीन प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा, को-पर्सन डॉ. विजय कुमार यादव (रजिस्ट्रार), एवं बॉटनी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सविता वर्मा जी मंचस्थ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. जयकर झा (सेवानिवृत्त आचार्य, बॉटनी) ने किया।

मुख्य वक्तव्य में प्रो. एन.के दुबे ने Think locally, act globally with reference to bioprospection of ethnomedicinal plants of india विषय पर विस्तार से व्याख्यान दिए। जिसमें उन्होंने बताया कि पौराणिक समय से ही भारतीय औषधीय पौधों की गुणवत्ता का प्रयोग विश्व स्तर पर एवं एलोपैथिक दवाओ में भी किया जा रहा है। उदाहरण उन्होंने बताया कि क्विनिन जो कि सीनकोना के पौधों में पाया जाता है जो मलेरिया के लिए पूरे विश्व में वरदान साबित हुआ है। पौधे प्राचीन भारतीय चिकित्सा का हिस्सा रहे हैं, आज जो पूरे विश्व में अलजाइमर, कैंसर, माईग्रेन आदि के ईलाज में प्रयोग किया जाता है।

अध्यक्षीय भाषण में प्रो. जयकर झा ने कॉनफ्रेंस की थीम लाइफ साइंस की उपयोगिता और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

मुख्य अतिथि डॉ. जटा शंकर चौधरी ने शोध के लिए स्टेट यूनिवर्सिटीज में वित्तीत प्रबंधन की चुनौतियों एवं समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शोधार्थियों को उपलब्ध संसाधनों में शख्त शोध करने की सलाह दी।

प्रो. ए.के. राय ने उच्चकोटि के शोधकार्य जो कि समाज के लिए उपयोगी साबित हो पर प्रकाश डालते हुए सेमिनार के विषय पर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम का संचालन पी.जी. विभाग की छात्राओं एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंकित कुमार सिंह (सहायक आचार्य, बॉटनी) ने किया।

सेमिनार के प्रथम एवं द्वितीय तकनीकी सत्रों में आमंत्रित वक्ता, डॉ. प्रनिता जायसवाल प्रिंसिपल साइंटिस्ट ICAR-IARI, डॉ. विकास श्रीवास्तव (प्रिंसिपल साइंटिस्ट, CSIR-IITR, लखनऊ), डॉ नेहा गर्ग, साहयक प्राचार्य BHU, श्री साकेब नबी (कंट्री डायरेक्टर नेपाल), डॉ. मयंक सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट USA ने अपने व्यख्यान प्रस्तुत किया।

सेमिनार में प्रो. सूर्यनारायण चौधरी, प्रो. शीला, प्रो. आई.एन.मिश्रा, प्रो. विद्यानाथ झा, प्रो. अजय नाथ झा, डॉ. मुरारी प्रसाद, प्रो. एनकार गुप्ता, प्रो. शहनाज जमील, डॉ. गजेंद्र प्रसाद, डॉ. आनंद मोहन मिश्रा, प्रो. शामचंद्र गुप्ता, नंदकिशोर झा, डॉ. ख्वाजा सलाउद्दीन, डॉ. अनुरुद्ध सिंह, डॉ. अभिषेक राय, डॉ. आकांक्षा उपाध्याय, डॉ. प्राची मरवाहा, डॉ. अतनु बनर्जी एवं भारी संख्या में शोधार्थी जिनमें मनोज कुमार, विक्की कुमार, सर्वजीत कुमार, अर्जुन मेहरा, सोबिन्द कुमार, उज्ज्वल कुमार, सूर्यकांत सिंह उर्फ मंगल, एवं भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सेमिनार दूसरे दिन भी तृतीय एवं चतुर्थ सत्रों में सम्पन्न होगा।