#MNN24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में विश्व मानवाधिकार दिवस का आयोजन बुधवार को हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो शाहिद हसन ने समानता, न्याय ,पर्यावरण संरक्षण और बच्चों के प्रति अधिकार पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए प्रो मुनेश्वर यादव ने मानवाधिकार शब्द में मानव और अधिकार पर राजनीतिक और दार्शनिक व्याख्या के द्वारा निजी स्वतन्त्रता ,समानता, राज्य ,कानून की मूल परिभाषा में निहित अर्थ को समकालीन मूलभूत समस्याओं से जोड़कर राज्य और प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप पर विस्तार से चर्चा की और भविष्य की संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिलाया।

डॉ मनोज कुमार ने ऐतिहासिक विकास से लेकर वर्तमान समय में मानवाधिकार के उल्लंघन एवं संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वंचित समाज की आवाज़ उठाने में शिक्षा की भूमिका और जागरूकता पर बल दिया । डॉ रघुवीर कुमार रंजन ने मानवाधिकार के विकास के विभिन्न आयामों का विस्तार से वर्णन करते हुए मानव इतिहास में अधिकार की मांग और बदलाव के प्रति विद्यार्थियों का ध्यानाकर्षण किया।

इसी कड़ी में डॉ आलोक रंजन ने मानवाधिकार को पर्यावरण संरक्षण के लिए पेरिस एक्ट में प्रावधान के उल्लंघन की चर्चा करते हुए मानवाधिकार को मानव जनित कृत्रिम बीमारी के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सदुपयोग व दुरुपयोग एवं भविष्य की संभावनाओं पर विचार रखें। इस मौके पर दिव्या झा ने भी समाज में करुणा और नैतिक मूल्यों के संरक्षण पर विचार रखा।

कार्यक्रम के अंत में डॉ मुकुल बिहारी वर्मा ने सभी उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अधिकार के संरक्षण पर ध्यान दिलाया। इस मौके पर निबंध – प्रतियोगिता एवं छायाचित्र प्रतियोगिता भी आयोजित किया गया। शोधार्थी राम कृपाल अमर ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अनुमोदित मानवाधिकार के घोषणापत्र का वाचन किया ।

इस कार्यक्रम में विभागीय शोधार्थी राम कृपाल अमर , प्रभु यादव ,शशिपाल कुमार ,नीतीश नायक ,देवेंद्र यादव , रिकी कुमार ,कुंदन कात्यायन, सागर सिंह, मो हिदायतुल्ला और नाहिद प्रवीण ने भाग लिया। छात्र अनीश कुमार और आदर्श कुमार का मंच संचालन सराहनीय रहा।