सेमिनार में यूनिवर्सिटी टॉपर इतिहास छात्रा तुलसी कुमारी अतिथियों द्वारा सम्मानित।

‘भारतीय ज्ञान परंपरा में नारी शक्ति की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी में 150 व्यक्तियों की हुई सहभागिता।

##MNN24X7 सीएम कॉलेज, दरभंगा के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के द्वारा विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार ‘विभु’ की अध्यक्षता में एक प्रेरक संगोष्ठी का आयोजन सेमिनार हॉल में किया गया, जिसमें मुख्य रूप से स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर 2024-26 के 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जबकि अतिथियों का स्वागत पाग एवं चादर से किया गया। वहीं विश्वविद्यालय टॉपर तुलसी कुमारी का इतिहास विभाग द्वारा मोमेंटो, पाग एवं चादर से सम्मानित किया गया। “भारतीय ज्ञान परंपरा में नारी शक्ति की भूमिका” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत- प्राध्यापक एवं एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ आर एन चौरसिया, विभाग के प्राध्यापक डॉ मुकेश कुमार रजत- स्वागत कर्ता एवं डॉ अतुल कुमार जायसवाल-धन्यवाद कर्ता, टॉपर छात्रा तुलसी कुमारी के पिता धनंजय चौधरी तथा माता मीरा देवी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किया। संचालन आर्यन कुमार ने किया, जबकि स्वागत गीत- ‘मंगलमय दिन आजू हे…’ जयप्रकाश ने प्रस्तुत किया। विचार रखने वाले छात्रों में शारिक नेयाज, वर्षा रानी, प्रतीक कुमार, सौम्या गुप्ता, नरसिंह कुमार साहनी, फिज़ा फ़िरोज़, बबलेश कुमार, हसफ़ा खातून, अंकित कुमार, रौनक आरा और अंजलि कुमारी आदि शामिल थे।

मुख्य अतिथि डॉ चौरसिया ने नारी की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि नारी मानव समाज के आधारशिला है, जिसके बिना न तो परिवार-समाज की कल्पना संभव है, न ही सभ्यता- संस्कृति की। भारतीय ज्ञान परंपरा में नारी शक्ति की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उसे सृजन, शक्ति, संस्कार, करुणा, परंपरा तथा आध्यात्मिकता की वाहक के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है। वह माता, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में संबंधों का सेतु है और परिवार को जोड़ने वाली शक्ति भी। आज नारी हर क्षेत्र में समान रूप से योगदान दे रही है। कहा कि शिक्षित और समर्थ नई राष्ट्र की प्रगति की महत्वपूर्ण पूंजी है।

विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार ‘विभू’ ने कहा कि नारी प्रकृति का अद्वितीय रूप है। बच्चों के प्रथम संस्कार एवं शिक्षा मां की गोद में ही पढ़ते हैं। वे ही बच्चों को भाषा, आचरण, नैतिकता, मानवीय मूल्य एवं संस्कृति सिखाती हैं। आज आत्मनिर्भर एवं शिक्षित नारी समाज की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

टॉपर छात्रा तुलसी कुमारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज सीखने के लिए बहुत साधन उपलब्ध हैं, पर क्लास में नियमित आने से ज्यादा शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त होता है। उसने विभाग के द्वारा मिले सम्मान को सभी छात्राओं का सम्मान बताते हुए भविष्य में और बेहतर करने का संकल्प व्यक्त किया। विभागीय शिक्षक डॉ मुकेश कुमार रजक एवं डॉ अतुल जायसवाल ने भी नारी के महत्व, समाज की खुशहाली एवं राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिकाओं की विस्तार से चर्चा की। कहा कि आज की नारी ज्ञान-विज्ञान, शिक्षण-प्रशिक्षण, साहित्य-प्रशासन, सैनिक एवं अंतरिक्ष आदि सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान से हुआ।