स्थान: राजकीय मध्य विद्यालय, वेल दुल्ला।
• विशेष शिविर में स्नातकोत्तर इकाई के साथ महिला मंच ने दिया साथ
• आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका एवं आवश्यकता” विषय पर आज का सत्र
• विविध गतिविधियों के साथ सम्पन्न हुआ विशेष शिबिर
• वेद में है महिलाओ का सम्मान – डा. ध्रुव मिश्र
#MNN@24X7 दरभंगा राष्ट्रीय सेवा योजना स्नातकोत्तर इकाई, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के तत्वावधान में चल रहे विशेष शिविर का चतुर्थ दिवस सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस विशेष शिविर में स्नातकोत्तर इकाई ने महिला मंच के साथ मिलकर कार्य किया।
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा के द्वारा दिए निर्देश के अनुसार संयोजिका डॉ. साधना शर्मा एवम् डॉ. एल. सविता आर्या ने संयोजन किया।
चतुर्थ दिवस के सत्र का विषय था “आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका एवं आवश्यकता”। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. रेणुका सिंह, साहित्य विभागाध्यक्ष ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि “महिलाओं को सशक्त बनाना राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
बौद्धिक सत्र की मुख्य वक्ता महिला मंच की अध्यक्ष डॉ. ममता पांडेय थीं। उन्होंने आत्मनिर्भरता के महत्व पर बल देते हुए कहा, “महिलाओं का आत्मनिर्भर होना न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए बल्कि पूरे समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।”
द्वितीय सत्र की मुख्य वक्ता महिला मंच की संयोजक डॉ. एल. सविता आर्य ने समाज में समता और दिशा दिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दिनभर की गतिविधियां
°प्रभात फेरी: सुबह प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा ने स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नारे लगाए, जैसे – “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।”
प्रभात फेरी में महिला मंच के सदस्य, डॉ. ममता पांडे, डॉ. एल. सविता आर्य, डॉ. माया, डॉ. मैथिली, और डॉ. देव हुति सह सचिव विश्वमोहन झा समेत सभी के द्वारा महिला जागरुकता रैली निकालकर सहभागिता की गई।
• योगाभ्यास और श्रमदान: प्रभात फेरी के बाद योगाभ्यास कराया गया। तत्पश्चात, अभिगृहीत गांव में श्रमदान किया गया।
• क्षेत्र परिभ्रमण और सर्वेक्षण: स्वयंसेवकों ने ग्रामीण महिलाओं से मिलकर उनके कार्य, आत्मनिर्भरता, और सामाजिक भूमिका पर चर्चा की। जिसमें शोभा देवी, उषा देवी, पूनम देवी, और इंदु देवी आदि महिलाएं थीं। सभी महिलाएं बहुत उत्साहित थीं।
डॉ. माया ने बताया कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, जबकि डॉ. देवहुति ने सामूहिक कार्य की भावना को प्रोत्साहित किया। डॉ. मैथिली ने बताया कि महिला बहुत संघर्ष से आगे बढ़ती है।
• सामूहिक चर्चा: चर्चा में ग्रामीण महिलाएं शोभा देवी, उषा देवी, पूनम देवी, और इंदु देवी आदि, विद्यालय की शिक्षिका रंजू कुमार भारती, छात्र-छात्राओं ने अपने विचार रखे। प्रमुख वक्ताओं में रजनीश, मिथिलेश कुमार, अंकित मिश्रा, आकांक्षा कुमारी, काजल शर्मा, और सुदर्शन कुमार आदि शामिल थे। लक्ष्मीकांत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंत में विद्यालय की रसाईया पूनम का सम्मान भी किया गया।
• सांस्कृतिक कार्यक्रम: सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने गीत और प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा ने शिविर को सफल बताया। अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. शिवलोचन झा ने आयोजन की सराहना की।
प्रभारी प्राचार्य अरविंद कुमार, नवीन कुमार, मनीष कुमार झा, और अन्य शिक्षक उपस्थित रहे। साथ ही, ग्रामीण महिलाओं में शोभा देवी, उषा देवी, पूनम देवी, और इंदु देवी आदि ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
यह विशेष शिविर राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति और महिला सशक्तिकरण का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।