•गीत-संगीत, और प्रेरक वक्तव्यों के साथ संपन्न हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना का भव्य कार्यक्रम
#MNN@24X7 राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) स्नातकोत्तर इकाई, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विशेष शिविर का समापन राजकीय मध्य विद्यालय में हुआ। अध्यक्षीय भाषण देते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पाण्डेय ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की झलक गांवों में।विकसित भारत 2047 में युवाओं की भूमिका सर्वाधिक।राम राज्य है शासन व्यवस्थाओं का उत्कर्ष। सनातन संस्कृतियों से परिपूर्ण रहा है भारतवर्ष।महिलाओं को आत्मनिर्भर होने से ही सशक्त होगा हमारा राष्ट्र। कर्मयोगी युवा ही पहुँचते है लक्ष्य तक।गंगा,गायत्री,गाय और गीता है भारतीय दर्शन के चार स्तम्भ।वेदांत और आधुनिक शिक्षा के समन्वय से संस्कृत के छात्र बढ़े।साथ ही
कुलपति ने शिविर द्वारा गोद लिए गए विद्यालय में साप्ताहिक संस्कृत संभाषण चलाए जाने की घोषणा की। समाज का नेतृत्व कर रहीं साहित्य विभागाध्यक्षा प्रो. रेणुका सिन्हा द्वारा अपने अनुभव बताए गए।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग के राज्य परामर्शदात्री सदस्य उज्ज्वल कुमार ने कहा संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा लगाए जाने वाले शिविरों से राष्ट्रीय एकता और सद्भाव के साथ-साथ संस्कृति और संस्कार के प्रति भी युवा जागरूक हो रहे हैं।
साथ ही उन्होंने युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति की संज्ञा दी। स्वागत वचन का दायित्व धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा द्वारा किया गया। कॉलेज के प्राचार्य श्री अरविंद कुमार ने कहा कि संस्कृत मे अपनी धरोहर संरक्षित है। उन्होने अपने यहां की स्थिति बताई कि यहां संस्कृत के शिक्षक नहीं है। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा द्वारा हुआ।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उत्साह और एकजुटता के साथ भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मङ्गलाचरण द्वारा हुई, जिसे नीतिश और अङ्कित मिश्र ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में एनएसएस गीत का मधुर प्रस्तुतीकरण आसमा, काजल और गुंजन ने किया, जिसे सभी ने सराहा। इसके पश्चात पद्मनाभ और विश्वमोहन द्वारा प्रस्तुत सिंह पर एक कमल राजत गीत गाया जिससे एक भक्तिपूर्ण वातावरण बना। पूरे आयोजन में उत्साह भर दिया। एनएसएस की वार्षिक गतिविधियों का प्रतिवेदन संयोजिका एवं कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा ने प्रस्तुत किया।
इसके बाद अनुभव साझा करने के क्रम में सुदर्शन ने अपना अनुभव सुनाया। छात्रों मे से चन्दन दास, रोहित और मीनू के द्वारा एवम् कर्मचारी संघ के रवींद्र ने गीत गाया गाया। सभी स्वयं सेवकों को प्रमाण पत्र दिया गया। समापन मे व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा, डॉ. एल सविता आर्या , डॉ. अवधेश कुमार श्रोत्रिय, डॉ. धीरज कुमार पाण्डेय , डॉ. अनिल झा इत्यादि ने बहुत सहयोग किया ।