स्वामी विवेकानंद भारत के गौरव: डॉ एस के दत्ता
#MNN@24X7 दरभंगा, स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में रामकृष्ण विवेकानंद आश्रम, चक्का, दरभंगा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह-सुबह चक्का और मखनाही गांवों में प्रभात फेरी के माध्यम से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया। प्रभात फेरी के दौरान स्वामी विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
आयोजन स्थल पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभी आगत अतिथियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बच्चों के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके विचारों पर अपने विचार व्यक्त किए। सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उनके उत्साह को बढ़ाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार साझा किए। डॉ. बृषर प्रसाद ने स्वामी विवेकानंद के युवा शक्ति के प्रति दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और कहा कि आज के युवाओं को उनके विचारों को अपनाने की आवश्यकता है। डॉ. रामेश्वर प्रसाद ने उनके धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण की सराहना की। डॉ. नीरज मिश्रा ने विवेकानंद के शिक्षा संबंधी दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए इसे समाज सुधार का आधार बताया।
डॉ. एस. के. दत्ता ने स्वामी विवेकानंद के सामाजिक उत्थान के प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि वे न केवल भारत के, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। बिहार झारखंड रामकृष्ण विवेकानंद भाव प्रचार परिषद के सह संयोजक संतोष चौधरी ने विवेकानंद के ओजस्वी व्यक्तित्व को नमन करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है। पूरे भारतवर्ष में स्वामी जी के विचारों से जन उत्थान संभव है।
आश्रम की अध्यक्ष छाया झा ने उनकी मातृभूमि के प्रति समर्पण और सेवा भावना को प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम के अंत में अमल कुमार नंदी ने सभी प्रतिभागियों और उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी सभी के बीच भोग का वितरण किया गया। इस अवसर पर विजय कुमार, सत्यजीत, आर के तिवारी सहित कई गणमान्य लोगों ने अपनी सहभागिता दी।