#MNN@24X7 प्रयागराज, सनातन संस्कृति,आध्यात्म और आस्था का प्रतीक महाकुंभ 13 जनवरी से संगम की रेती पर शुरू है।महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब संगम में आस्था की डुबकी लगा रहा है दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालुओं महाकुंभ आ रहे हैं,लेकिन सुर्खियों में बक्सर के आठ दुस्साहसिक नाविक छाए हैं,जो भीड़ से बचने के लिए लगभग 413 किलोमीटर की दूरी नाव से कर डाली।इस दौरान तीन रात और दो दिन नाव में ही बीतना पड़ा।संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सभी बक्सर लौट गए।महाकुंभ आने वालों में यह अनूठे श्रद्धालु हैं।इंस्टाग्राम पर इनका वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। अभी तक उनके वीडियो को 83 लाख से भी अधिक लोग देख चुके हैं।
मन्नू चौधरी मूल रूप से बलिया जिले के कोटवा नारायणपुर के रहने वाले हैं।मन्नु पेशे से मछली पकड़ने का काम करते हैं।मन्नू ने बताया वह बिहार के बक्सर अपने ननिहाल गए थे।उनके ममेरे भाई सुमंत चौधरी ने प्रयागराज चलने की बात कही लेकिन,भीड़ और जाम की वजह से सुमंत ने नाव से चलने का प्लान बनाया। मन्नू ने बताया कि सुमंत के साथ संदीप यादव,सुखदेव चौधरी, रमेश चौधरी, रविंद्र चौधरी, पदम चौधरी और अशोक यादव भी चलने को राजी हो गए।
मन्नू ने बताया कि सुमंत के पास इंजन वाली नाव थी,लेकिन इतनी दूर का सफर को देखते हुए उन लोगों ने पटना से 34 हजार रुपये का दूसरा इंजन खरीदा,बीस रुपये हजार रास्ते के खर्च के लिए रख लिए,आठ दोस्त नाव में ही अनाज,गैस चूल्हा,बर्तन और पेट्रोल से भरा गैलन लाद कर निकल पड़े। मन्नू ने बताया कि 11 फरवरी की सुबह दस बजे बक्सर के कमहरिया गांव से रवाना हुए।नाविक होने की वजह से नाव चलना मुश्किल नहीं था।बारी-बारी से नाव चलाते थे।
मन्नू ने बताया कि रात मेंं सभी मिलकर खाना बनाने थे,नाव में ही आराम करते थे,13 फरवरी की सुबह वह लोग बनारस पहुंचे।बनारस में उन्होंने ईंधन भरा। कुछ देर ठहरकर यहां से प्रयागराज रवाना हुए। मन्नू ने बताया कि 13 फरवरी की रात करीब 12 बजे वह लोग प्रयागराज पहुंचे।पहला पीपा पुल मिलने पर आगे जाने का रास्ता नहीं था।वहींं अपनी नाव बांध दी।इसके बाद करीब दस किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंचे।
मन्नू ने बताया कि संगम से ही अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल से वीडियो पोस्ट किया।स्नान के बाद सभी नाव से बक्सर लौट आए। मन्नू के मुताबिक उन्होंने जो हिसाब लगाया उसके मुताबिक करीब 413 किलोमीटर सफर उनको नदी में सफर करना पड़ा।
मन्नू ने बताया कि नदी में इतना लंबा सफर तय करना काफी खतरनाक है।वह लोग सफर के दौरान दो बार रास्ता भी भटके,नदी की दो धार होने की से भटककर दूसरी तरफ पहुंच गए,किसी तरह वापस सही दिशा की ओर आए। मन्नू ने बताया रास्ते में मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था।बक्सर से प्रयागराज के ऊपर होने की वजह से नाव की रफ्तार भी बेहद कम थी। मन्नू ने बताया कि हम लोगों के लौटने के बाद कई नाविकों ने बक्सर से प्रयागराज जाने के लिए यात्रियों की बुकिंग कर ली लेकिन,पुलिस अब कोई नाव जाने नहीं दे रही है।
सौजन्य से स्वराज सवेरा