#MNN24X7 आगरा।, उत्तर प्रदेश के आगरा में धर्म परिवर्तन कराने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।धर्म परिवर्तन की आड़ में पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई की बड़ी साजिश बेनकाब हुई है।धर्म परिवर्तन की आड़ में भारत में आईएसआई लेडी ब्रिगेड तैयार कर रही थी।पूरे भारत में आईएसआई की लेडी स्लीपर सेल तैयार कर रही थी।

एनजीओ से भेजा जा रहा था पैसा।

फिलीपींस में एक एनजीओ GO Fund Me को धर्म परिवर्तन कराने के लिए पैसा भेजा जा रहा था।क्रिप्टो और डॉलर में फंडिंग के सबूत मिले हैं।कनाडा और इंग्लैंड से वाईट में चंदे की शक्ल में इस गिरोह को भारत पैसा आ रहा था।

धर्म परिवर्तन के गिरोह की एक व्हाट्सएप विंग।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह की एक व्हाट्सएप विंग भी है।लड़कियों को इसके जरिए जेहाद के लिए भी उकसाया जा रहा था।पाकिस्तान के यूट्यूबर तनवीर अहमद और साहिल अदीब बेनकाब हुए हैं,ये दोनों भारत की लड़कियों को इस्लाम धर्म अपनाने की ऑनलाइन ट्रैनिंग देता था।

सैयद दाऊद कर रहा था फंडिंग।

तनवीर अहमद और साहिल अदीब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते हैं। धर्म परिवर्तन कराने वाले इस गिरोह को कनाडा से सैयद दाऊद फंडिंग कर रहा था।सैयद दाऊद मध्य प्रदेश के गांधी नगर का रहने वाला है और कनाडा में इस्लामिक सेंटर चलाता है।

टेरर एंगल पर भी जांच जारी।

कश्मीर के एक मास्टरमाइंड हैरिस की तलाश जारी है। लड़कियों को गल्फ देशों में भेजने का भी प्लान था। टेरर एंगल पर जांच जारी है।यूपी एटीएस के अलावा सेंट्रल एजेंसिया टेरर एंगल पर काम कर रही है।

पाकिस्तान के ये दो लोग हो सकते हैं मास्टरमाइंड।

जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब इस धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड हो सकते हैं।दोनों सोशल मीडिया इन्फ्लूएनसर हैं।हालांकि ये उनके नकली नाम भी हो सकते हैं। दोनों उस वॉट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं,जिसमें 100 से ज्यादा हिन्दू लड़कियां जुड़ी हुई हैं। सभी लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया था।

ऑनलाइन होती थी इस्लाम पढ़ाने की क्लास।

कई लड़कियां इतनी ज्यादा रेडक्लियाइज हो चुकी हैं कि उन पर काउंसिलिंग का कोई असर नहीं हो रहा है। लड़कियों को रेडिक्लाइज करने का काम कश्मीर की लड़कियों के एक ग्रुप को सौंपा गया था।कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था। इन्हें जूम लिंक भेजकर नमाज और इस्लाम के बारे में पढ़ने की क्लास होती थी।सोशल मीडिया और गेमिंग एप के जरिए लड़कियों को निशाना बनाया जाता था।

सौजन्य स्वराज सवेरा