अलीगढ़।उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के सोमना और डांबर रेलवे स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस में दिल को दहला देने वाला हादसा हुआ।शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजकर 50 मिनट पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल कोच का शीशा तोड़ते हुए पटरी के किनारे पड़ी लोहे की रॉड सुलतानपुर जिले के चांदा क्षेत्र 34 वर्षीय हरिकेश दुबे की गर्दन में धंसते हुए आरपार हो गई।जिससे हरिकेश की मौके पर ही मौत हो गई।बगल में दूसरी सीट पर बैठी महिला बालबाल बची।हादसे के बाद कोच में खून से लथपथ शव के साथ सहमे यात्रियों ने लगभग आधा घंटे अलीगढ़ तक का सफर किया।नीलांचल में हुई इस घटना ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को झकझोर कर रख दिया है।घटना के बाद कोच में सवार ज्यादातर यात्री दहशत में थे।
यात्रियों को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं आगे भी इस तरह की घटना न हो जाए।डर का आलम ये था कि खिड़की के पास बैठे यात्रियों ने सीट छोड़ दी।अधिकतर लोग कोच की बीच की गैलरी में आ गए।
बच्चों के साथ सफर कर रहीं महिलाओं ने अपने बच्चों को गोद में समेट लिया।उन्हें कोच में फर्श पर खेलने से रोक दिया।
यात्री बार-बार हरिकेश को देखकर सहम जाते।यात्रियों को समझ में नहीं आ रहा था आखिर ये कैसे हुआ।यात्री आपस में ये भी चर्चा कर रहे थे कि मौत ऐसे भी आ सकती है। ये किसी ने सोचा भी न होगा। कोच में हरिकेश की सीट खाली ही रही। दूसरे यात्री उस पर बैठने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे।
गोली की रफ्तार से घुसी थी लोहे की रॉड
ट्रेन के जनरल कोच के यात्री विनय सरोज और शैलेंद्र मिश्र के मुताबिक ट्रेन डाबर स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार आवाज के साथ एक लोहे की रॉड खिड़की के लगे शीशे को तोड़ते हुए सीधे सीट संख्या 15 पर सवार यात्री की गर्दन एवं कान के बीच से सिर से पार होकर प्लाईबोर्ड में जा घुसी।जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। यात्री का काफी खून बह गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पास में ही बैठी दूसरी महिला यात्री बाल-बाल बच गई। उन्होंने बताया कि ट्रेन को चेन पुलिंग कर रोका गया और स्टाफ को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। यह गंभीर मामला है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही है। दोषियों को इसकी सजा मिलनी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा पर भी रेलवे को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
हादसा या लापरवाही, रेलवे ने बैठाई जांच
नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन में शुक्रवार को हुए हादसे में तकनीशियन की मौत ने रेलवे के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही से मोबाइल टॉवर से जुड़ी एक कंपनी में तकनीशियन की जान चली गई।सवाल उठता है कि जब रेलवे सुरक्षा एवं संरक्षा की बात करता है तो शुक्रवार को ट्रेन गुजरते समय लापरवाही क्यों बरती गई।जब चलती ट्रेन में ऐसा हादसा हो सकता है तो सफर करने वाले यात्री कितने सुरक्षित होंगे। समझा जा सकता है।हादसे के समय ट्रेन की रफ्तार 110 थी। उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार हादसे को लेकर रेलवे ने जांच बैठा दी है। पता कराया जा रहा कि यह हादसा किसकी लापरवाही से हुआ है।
SOURCE:- SWARAJY SAWERA