#MNN24X7 नई दिल्ली, पशु अधिकार कार्यकर्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कड़ी आलोचना की है।भाजपा ने मेनका ने इसे अव्यावहारिक और क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन के लिए हानिकारक करार दिया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वैधता पर भी सवाल उठाया।मेनका ने चेतावनी दी कि इससे लोगों में भारी विरोध हो सकता है।

क्या दिल्ली के पास 15 हजार करोड़ हैं।

मेनका गांधी ने कहा कि दिल्ली में तीन लाख कुत्ते हैं,उन सभी को सड़कों से हटाने के लिए आपको 3,000 पाउंड बनाने होंगे,जिनमें से हर एक में जल निकासी,पानी,एक शेड,एक रसोई और एक चौकीदार की व्यवस्था करना भी शामिल होगा। मेनका ने कहा इस पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।क्या दिल्ली के पास इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये हैं।

हर हफ्ते 5 करोड़ खिलाने पर लगेंगे।

मेनका गांधी ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों को खिलाने के लिए हर हफ्ते 5 करोड़ रुपये और लगेंगे।यही नहीं इस फैसले और अभियान से आम लोगों के बीच भारी विरोध भी देखा जा सकता है।

फैसले की वैधता पर उठाया सवाल।

मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वैधता पर भी सवाल उठाया। मेनका ने कहा कि एक महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट की एक अलग पीठ ने इसी मुद्दे पर एक संतुलित फैसला सुनाया था।अब एक महीने बाद ही दो जजों वाली पीठ नया फैसला देती है,जिसमें कहा गया है कि सभी आवारा कुत्तों को पकड़ो,ऐसे में सवाल यह भी कि कौन सा फैसला सही है। जाहिर है,पहला सही है क्योंकि वह तय फैसला है।

खड़ी हो सकती हैं ये समस्याएं।

मेनका गांधी नहीं नहीं रुकीं। मेनका ने चेतावनी दी कि आवारा कुत्तों को हटाने से नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 48 घंटों के भीतर ही गाजियाबाद और फरीदाबाद से तीन लाख कुत्ते आ जाएंगे,क्योंकि दिल्ली में खाना है। मेनका ने कहा कि जैसे ही आप कुत्तों को हटाएंगे बंदर आ जाएंगे,मैंने अपने घर में भी ऐसा देखा है। 1880 के दशक में पेरिस में जब कुत्तों और बिल्लियों को हटाया गया तो शहर चूहों से भर गया था।

सौजन्य से स्वराज सवेरा