अयोध्या।राम नगरी अयोध्या में देवोत्थानी एकादशी पर पंचकोसी परिक्रमा रविदिन प्रारंभ भ गेल। भोरे 8.40 बजे सं जय श्रीराम के गगनभेदी नारा सबहक संग पंचकोसी परिक्रमा शुरू भेल। बताओल जा रहल अछि जे लगभग 20 लाख श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा में शामिल छथि।पंचकोसी परिक्रमा 15 नवंबर के भोरे 8.33 बजे तक चलत।एहि सं पहिले राम नगरी आओल श्रद्धालु लोकनि सरयू नदी में स्नान कएलन्हि। पंचकोसी परिक्रमा के देखैत प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़गर इंतजाम कैल गेल अछि।राम नगरी में ट्रैफिक मूवमेंट पर ब्रेक लगाओल गेल अछि।वाहन सबहक प्रवेश वर्जित अछि।
राम नगरी में पौराणिक मान्यता सबहक अनुसारे कल्पवास’क परंपरा के निर्वहन कैल जाएत अछि।एहिमे श्रद्धालु कार्तिक महीना में राम नगरी में रहैत छथि।श्रद्धालु अपन पूरा समय स्नान, ध्यान आ पूजा-अर्चना में व्यतीत करैत छथि। पूर्णिमा के दिन देव दीपावली के मौका पर सरयू नदी में स्नान क’ श्रद्धालुगण अपन कल्पवास के पूर्ण घोषित क दैत छथि।
एहि बेर दू दिन मनाओल जायत पूर्णिमा
18 नवंबर:- व्रत के पूर्णिमा
19 नवंबर:- स्नान-दान के पूर्णिमा
पाठक गण के कहि दियैन जे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के नगरी अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा के अपन महत्व अछि।एहि यात्रा कें मध्य श्रद्धालु पांच कोस’क यात्रा करैत छथि।ई पांच कोस शरीर’क पांच तत्व सब सं मिल के बनबाक प्रतिनिधित्व करैत अछि।मान्यता अछि जे पंचकोसी परिक्रमा कर बला सीधे स्वर्ग जाएत छथि। पंचकोसी यात्रा कर बला सब के मुक्ति भेटैत अछि। श्रीराम मंदिर के पांच कोस’क परिक्रमा कर बला भक्त भाग्यशाली मानल जाइत छथि।
अक्षय नवमी पर अयोध्या में 14 कोस परिक्रमा
हिंदू धर्म में मान्यता अछि जे अक्षय नवमी पर राम नगरी में 14 कोसी परिक्रमा के अपन विधान अछि। अक्षय नवमी पर कैल गेल पुण्य’क कखनो क्षय नहि होइत अछि। ओहि दिन अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा होइत अछि। केवल एक बेर 14 कोसी परिक्रमा करबा सं भगवान श्रीराम अपन चरण में शरण दैत छथि।पंचकोसी आ 14 कोसी परिक्रमा करबा सं शरीर के अपार शक्ति भेटैत अछि। एहि परिक्रमा के धार्मिक आ शारीरिक महत्व सेहो बहुत बेसी अछि।