वायरल Video से अखिलेश यादव ने सेंकनी चाही राजनीतिक रोटियाँ: जाँच हुई तो निकली ‘स्क्रिप्टेड’, BSA ने किया प्रधानाध्यापक को सस्पेंड*

#MNN24X7 उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से सोमवार (21 जुलाई 2025) को एक प्राथमिक स्कूल के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में प्राथमिक स्कूल के गेट पर ताला जड़ा हुआ था। गेट के बाहर स्कूली छात्राएँ दहाड़ मार कर रो रहीं थी और गेट खोलने की गुहार लगा रही थी। असल में यह मामला विद्यालयों के विलय से जोड़ा जा रहा था।

इस वीडियो के हवाले से सोशल मीडिया पर योगी सरकार को जमकर घेरा गया। कहा गया कि स्कूलों के विलय से बच्चों को कितनी परेशानी हो रही है, उनका लगाव कितना अधिक है स्कूलों से समेत कई अन्य तर्क पेस किए गए।

इसे लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार को जमकर घेरा था। हालाँकि इस मामले की जाँच हुई तो पता चला कि स्कूल की प्रिंसिपल ने ही बच्चों को रोने का नाटक करने के लिए कहा था ताकि स्कूल का विलय न हो और उनकी नौकरी भी यहीं पर बनी रहे। हैरान करने वाली बात यह है कि यह स्कूल, विलय होने वाले स्कूलों की सूची में शामिल ही नहीं था। अब जिलाधिकारी ने प्रिंसिपल कुसुमलता पांडेय को निलंबित कर दिया है।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था और स्कूलों के विलय पर निशाना साधते हुए उन बच्चों का स्कूल छिन जाने का दोषी योगी सरकार को बताया था।

वीडियो में रोते हुए बच्चों कह रहे हैं, ‘मैडम जी स्कूल खोल दो। गेट खोल दो, आंटी जी गेट खोल दो। हम लोग यहीं पर पढ़ेंगे, कहीं नहीं जाएंगे।’

महराजगंज में परतावल ब्लॉक के रुद्रपुर भलुही गाँव के इस प्राथमिक विद्यालय का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इसके बाद जिलाधिकारी संतोष कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय से विभागीय जाँच शुरू करवाई। इसमें पूरा मामला फर्जी निकला।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीएम संतोष कुमार का कहना है कि स्कूल की प्रिंसिपल कुसुमलता ने बच्चों से रोने का ड्रामा कराया। साथ ही अभिवावकों को भी स्कूल के बाहर खड़ा करवाया। जाँच में ये बात भी सामने आई कि इस स्कूल का विलय नहीं होना है।

इस पूरे मामले पर प्रिंसिपल ने सोमवार को ही अपने दावे पेश किए थे। उनका कहना था कि इस स्कूल को गाँव से 1 किलोमीटर दूर करनौती प्राइमरी स्कूल में विलय हुआ है। प्रिंसिपल के अनुसार, शुक्रवार (18 जुलाई 2025) को वॉट्सऐप मैसेज पर खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के विलय की बात बताई थी।

इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी का कहना है कि भुलुही का ये स्कूल विलय सूची में शामिल नहीं है। प्रिंसिपल ने गलत तरीके से स्कूल बंद कर बच्चों का वीडियो बनवाया है। मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।

स्कूलों के विलय का क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 1.3 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें कई लाख बच्चे पढ़ते हैं। वर्तमान में हर ग्राम सभा में एक प्राथमिक स्कूल है, इसको लेकर स्पष्ट तौर पर नियम भी बने हुए हैं।

कई जगह ग्राम सभाओं में स्कूल ऐसे हैं जहाँ 20-30 बच्चे भी नहीं पढ़ते। कई स्कूल ऐसे हैं जहाँ मात्र 30 बच्चों पर 5-6 शिक्षक हैं। कई स्कूल ऐसे हैं जहाँ बच्चों की संख्या 100 के पार है लेकिन वहाँ शिक्षकों की संख्या 3-4 है।

योगी सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए निर्णय लिया है कि जिन स्कूलों में 50 से कम बच्चे पढ़ते हैं, उन्हें पास के दूसरे विद्यालय में विलय कर दिया जाएगा। योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि बच्चों को स्कूल जाने में कोई समस्या ना हो, इसके लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं।

सरकार ने यह भी ध्यान रखने को कहा है कि यह विलय पड़ोस के गाँव तक किया जाए। केवल उन्हीं स्कूलों का विलय किया जा रहा है, जिनमें बच्चों की संख्या बहुत कम है। यदि स्कूल आपस में विलय हो जाएँ तो बजट, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई समस्याएँ हल हो सकती है।

सौजन्य से स्वराज सवेरा