#MNN@24X7 पटना, भारत सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर चल रही बहस के बीच, एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन 18 जनवरी 25 को पटना के ताज होटल में किया गया। इस बैठक में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के 18 सदस्यों ने बिहार के चुनिंदा नागरिकों से मुलाकात कर उनकी राय जानी। इस अवसर पर दरभंगा के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. इकबाल हसन रिशु को भी आमंत्रित किया गया था।

बैठक की अध्यक्षता जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने की। अन्य प्रमुख सदस्यों में सांसद असदुद्दीन ओवैसी, अभिषेक बनर्जी (टीएमसी) और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के साथ 14 सांसद और शामिल थे। बैठक में वक्फ अमेंडमेंट बिल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और इसमें मौजूद लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।

डॉ. इकबाल हसन रिशु ने मजबूती से अपने तर्क प्रस्तुत किए और बिल के विरोध में अपनी राय रखी। उन्होंने इस बिल के संभावित नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला और कहा कि यह फैसला समाज के एक वर्गों के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है। उनकी बातों को समिति के सदस्यों ने गंभीरता से सुना और संज्ञान लिया।

मीटिंग के समापन के बाद, डॉ. इकबाल हसन रिशु ने पटना से वापस लौटते हुए कहा, “यह एक गर्व का क्षण है कि मुझे ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय रखने का अवसर मिला। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर इस बिल को पुनः विचाराधीन रखेगी।”

जेपीसी की यह बैठक भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने का एक उदाहरण है, जहां हर वर्ग को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। अब समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद इस बिल पर आगे का फैसला लिया जाएगा।