-जाल में फंसी लड़की ने गंवाए 15.92 लाख, लड़के से 13.45 लाख का फ्रॉड!

#MNN@24X7 मुजफ्फरपुर, बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। ऑनलाइन जॉब और छोटे-छोटे निवेश पर अच्छी कमाई का झांसा देकर दो युवक-युवती से 29.37 लाख रुपय की ठगी कर ली गई है। इस संबंध में दोनों ने साइबर थाने में अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। टेलीग्राम एप पर ऑफर देकर दोनों को फंसाया गया। पुलिस तहकीकात कर रही है।

अहियापुर थाना के आयाचीग्राम कोल्हुआ निवासी युवती लावण्या ने एफआईआर में पुलिस को बताया है कि उसे टेलीग्राम पर दिव्या पटेल नामक यूजर आईडी से एक मैसेज आया। इसमें ऑनलाइन जॉब ऑफर किया गया था। इस तरह साइबर शातिरों के झांसे में लावण्या फंस गई। उसे अलग-अलग रुपये निवेश के टास्क सौंपे गए। जॉब की उम्मीद में लावण्या रुपये भेजते चली गई। 24 बार उससे साइबर शातिरों ने रुपये भेजने का टास्क सौंपा। 15.92 लाख रुपये मंगवा लिया गया। जब लावण्या ने रुपये वापसी की मांग की तो उसे शातिरों ने और रुपये भेजने के लिए कहा। इस तरह ठगी का अहसास होने पर लावण्या ने पहले नेशनल क्राइम पोर्टल फिर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

लिंक भेज मंगाए रुपए।

पारू के लालू छपरा निवासी सुनील कुमार को भी टेलीग्राम पर मैसेज भेजकर ऑनलाइन जॉब का ऑफर दिया गया। इसके बाद उन्हें अलग-अलग ग्रुप में जोड़कर छोटा-छोटा रुपये निवेश पर अच्छी आमदनी का झांसा दिया गया। लालच में फंसकर सुनील ने साइबर शातिरों के भेजे लिंक और खाते में रुपये निवेश करता चला गया। सुनील से साइबर शातिरों ने 13.45 लाख रुपये निवेश करा लिया। जब सुनील ने रुपये वापसी की मांग की तो उसे ग्रुप से निकाल दिया गया। इस तरह ठगी का अहसास होने तक सुनील 13.45 लाख रुपये गंवा चुका था। उसने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

डिजिटल अरेस्ट कर की ठगी

डिजिटल अरेस्ट कर 1.20 लाख ठगने का मामला भी सामने आया है। काजी मोहम्मदपुर थाना के लेनिन चौक निवासी भास्कर कुमार को डिजिटल अरेस्ट कर 1.20 लाख रुपये साइबर ठगी की गई है। उन्होंने इस संबंध में साइबर थाने में एफआईआर कराई है। पुलिस को बताया है कि उन्हें सीबीआई और ईडी के लेटरहेड वाले पैड पर प्रिंटिंग एक पत्र व्हाट्सएप पर भेजा गया था। फिर कॉल कर बताया गया कि 6.8 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के केस में उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है। उसके नाम पर 4.8 लाख रुपये का लोन भी लिए जाने का झांसा दिया गया। इस तरह डिजिटल अरेस्ट रखा गया और डरा धमका कर चार बार में 1.20 लाख रुपये की ठगी कर ली गई है।