जिलाधिकारी समेत विभागीय निदेशक सह शिक्षा सचिव व शिक्षा विभाग अपर सचिव को निर्माण कार्य समेत अन्य अनियमितताएं की जांच कराने को पत्र पूर्व मे भेजे हुए हैं:- भाकपा-माले।

डायट में योजना एवं शोध विषय में दो पद सृजित है और दोनों पद पर व्याख्याता पदस्थापित है। फिर भी प्रभारी प्राचार्य श्वेता सोनाली की प्रतिनियुक्ति की गई है।:- अमित कुमार।

दलालों- बिचौलिया के सहारे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चलाना बंद करें प्रभारी प्राचार्य श्वेता सोनाली।

#MNN24X7 पूसा /समस्तीपुर 29 दिसंबर भाकपा-माले के प्रखंड सचिव सह जिला स्थाई समिति सदस्य अमित कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पूसा में प्रभारी प्राचार्य श्वेता सोनाली के द्वारा सरकारी वाहन का दुरूपयोग किया जाता है। निजी कार्य में भी सरकारी वाहन का उपयोग किया जाता है। जिसके जांच की पुष्टि लॉक बुक द्वारा की जा सकती है। संस्थान में हो रहे भवन निर्माण में अनियमितता की गई है। पुराने ईंट का उपयोग नए भवन निर्माण में किया गया है। जबकि संस्थान के पुराने ईंट का उपयोग नए भवन में करने से मजबूती एवं गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। इसके साथ ही संस्थान के पुराने ईंट को किसी ठेकेदार या एजेन्सी को देने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन होना चाहिए था। संस्थान में योजना एवं शोध विषय में दो पद सृजित है और दोनों पद पर व्याख्याता पदस्थापित है। फिर भी प्राचार्य डॉ० श्वेता सोनाली की प्रतिनियुक्ति की गई है जो की शिक्षा विभाग नियम के विरुद्ध है। प्रभारी प्राचार्य का ननिहाल, ससुराल समस्तीपुर जिला में है। व बगल के ही जिला पातेपुर के समीप माईके है फिर भी इनकी नियुक्ति गृह जिला में की गई। जो की व्यय एवं निकासी पदाधिकारी भी है, जो कि शिक्षा विभाग नियम के विरुद्ध है। संस्थान के छात्रावास प्रभारी प्रतिदिन दूसरे जिला से आते-जाते हैं।, जबकि पदाधिकारी को संस्थान से 8 किलोमीटर के अंदर ही रहना होता है। प्राचार्य प्रतिदिन संस्थान में सरकारी वाहन से अपने घर से आना-जाना करते हैं जो शिक्षा विभाग के नियम के विरुद्ध है।

संस्थान में सेवाकालीन शिक्षकों के संचालित प्रशिक्षण के दौरान साफ-सफाई, भोजन में गुणवत्ता एवं संस्थान परिसर में लाईट की उपलब्ध नहीं करने के कारण चौक-चौराहा एवं प्रखंड के अंदर आए दिन संस्थान की शिकायत की चर्चा बनी रहती है। जिससें संस्थान एवं विभाग की प्रतिष्ठा धूलित होती प्रतीत हो रही हैं। प्राचार्य की गृह जिला में प्रतिनियुक्ति होने के कारण स्थानीयता के आधार पर धौंस दिखातीं है तथा पिछड़ो एवं दलितों व्याख्याता, शिक्षकेत्तर कर्मी, एजेंसी द्वारा नियुक्त कर्मी तथा रात्रि सुरक्षा प्रहरी के साथ जातिगत दुर्व्यवहार एवं प्रताड़ित करती है। संस्थान में प्रशासनिक भवन निर्माण कार्य में व्यापक धांधली हो रही है जिस भवन निर्माण संबंधित सामग्री का उपयोग हो रहा है वह गुणवत्तापूर्ण नहीं है चाहे ईट हो, सीमेंट, गिट्टी, छड़ हो या अन्य सामग्री इत्यादि। दिखाने के लिए सामने असली सामान रखा जाता है किंतु असल में रात्रि में नकली सामान का उपयोग हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा है कि डायट में सरकारी नियमों व निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। डायट में प्रशिक्षु शिक्षकों एवं छात्रावास के छात्रों को दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता चिंताजनक है। जबकि सरकार संस्थान को बेहतर व गुणवत्तायुक्त खाने व प्रशिक्षुओं व छात्रों के लिए अन्य बेहतरीन सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए लाखों रूपये देती है।
भोजनसूची के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षकों को खाना उपलब्ध नहीं कराया जाता। यहाँ साफ- सफाई रखरखाव व भवन निर्माण का काम चल रहा फिर भी परिसर मे लाईट का भी घोर अभाव है। उन्होंने कहा है कि आउटसोर्सिंग के द्वारा रात्रि सुरक्षा प्रहरी, सफाई कर्मी व अन्य कर्मी 5- 6 महीना बीत जाने के बाद एक महीना का मासिक वेतन विभाग को भेजा जाता है। वेतन मांगने पर हटाने की धमकी भी दे जाता है। सेवाकालीन प्रशिक्षण के दौरान भोजन बनाने वाले कर्मचारियों को काम कराकर पैसा नहीं दिया जा रहा है और काम से भी हटा दिया गया। उन्होंने आगे कहा है कि जिलाधिकारी, विभागीय निदेशक सह शिक्षा सचिव व अपर सचिव को उक्त अनियमितताओं की जांच करते हुए अभिलंब कार्रवाई किया जाए अन्यथा भाकपा-माले चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा।