पत्रकार अजीत अंजुम पर दर्ज मुकदमा अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।

गांधीजी के पोते का चंपारण में एनडीए समर्थकों द्वारा अपमान देश को शर्मशार करने वाली घटना-सुनील कुमार सिंह।

#MNN24X7 समस्तीपुर, 15 जुलाई, देश के जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम पर बेगुसराय प्रशासन द्वारा दर्ज फर्जी मुकदमा के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालकर सभा के जरिए फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग की गई।

मंगलवार को बड़ी संख्या में छात्र-युवा, व्यवसाई, बुद्धिजीवी, वरिष्ठ नागरिकों ने शहर के गायत्री कंपलेक्स से अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर आइसा एवं नागरिक समाज के बैनर तले प्रतिवाद मार्च निकाला। मार्च नारे लगाकर सर्किट हाउस, सदर अस्पताल, स्टेडियम गोलंबर, समाहरणालय, एचपीओ होते हुए औवरब्रीज चौराहा स्थित अंबेडकर स्थल पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता सेवानिवृत्त सैनिक सह नागरिक समाज के संयोजक रामबली सिंह ने किया।

सभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए चर्चित आंदोलनकारी सह भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि देश के जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम की रिपोर्टिंग में बिहार के SIR की जो गड़बड़ियां उजागर हुईं, उसके लिए प्रशासन को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए था, गड़बड़ी सुधार की ओर बढ़ना चाहिए था लेकिन प्रशासन ने बिहार के बेगूसराय जिले के एक थाने में अजित अंजुम के खिलाफ FIR दर्ज कराया।इसका मतलब साफ है कि प्रशासन नहीं चाहती कि SIR के क्रियान्वयन के दौरान हो रही गड़बड़ियां उजागर हो, कमियां दूर हों। अजित अंजुम पर FIR दर्ज कराने के जरिये उपरी इशारे पर प्रशासन साहस के साथ सच उजागर करने वाले अन्य पत्रकारों को भी डराना चाहती है। क्या वे नहीं जानती कि इस देश में अब भी पत्रकारों की एक ऐसी जमात है जो सच बोलने और लिखने से नहीं डरते।

मार्च को संबोधित करते हुए आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बेगुसराय जिला प्रशासन के इस कायराना रवैये के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रतिवाद करने की अपील देशवासियों से की।

उन्होंने कहा कि बिहार एकबार फिर देश को दिशा दे रहा है। बिहार के हमारे कुछ पत्रकारों ने संविधान और लोकतंत्र के अग्रणी प्रहरी के बतौर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा काम किया है। इनकी पत्रकारिता से गोदी मीडिया अप्रासंगिक होता जा रहा है। सत्ता तंत्र और उसके चट्टे बट्टे परेशान हैं।नीचे की खामियों को जनता और तंत्र के समक्ष प्रस्तुत करना ही सच्ची पत्रकारिता है। अजीत अंजुम जैसे पत्रकार भारत के संविधान और लोकतंत्र के प्रहरी हैं। सरकार ने भयभीत होकर FIR का सहारा लिया है। यह बिहार है और बिहारी लोकतांत्रिक तेवर ऐसे हमले को ठिकाना लगाना जानता है।अजीत अंजुम के पक्ष में बिहार खड़ा है।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में नागरिक समाज के संयोजक रामबली सिंह ने कहा कि गांधीजी के पोते का चंपारण में एनडीए समर्थकों द्वारा अपमानित करना देश को शर्मशार करने वाली घटना है। आखिर भाजपा को सच, इतिहास और असहमति से इतना डर क्यों लगता है।

मौके पर नागरिक मंच के जीतेंद्र कुमार, दीनबंधु प्रसाद, सुनील कुमार दूबे, अरविंद आनंद, आइसा के नीतीश राणा, रविरंजन कुमार, मोनू कुमार, गौतम सन्नी, विवेक कुमार, मो० अफरोज, अधिवक्ता द्रख्शां जबीं, राजद के अकबर अली, राम विनोद पासवान, भाकपा के शत्रुघ्न राय पंजी, सेवानिवृत्त बैंककर्मी भागवत सदा, समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।