फुले-फातिमा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का सामूहिक पाठ कर मनाया जयंती।

प्रथम शिक्षिका द्वय की तस्वीर पर माल्यार्पण से कार्यक्रम की शुरुआत।

#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, प्रताड़ना सहकर भी महिलाओं को शिक्षित करने में आजीवन लगी रही सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख‌।पुरोहितों एवं वर्चस्ववादियों ने सावित्रीबाई फुले को घर से निकलवा दिया। फातिमा शेख के पिता के यहां पनाह लेकर छुपे तौर पर घर-घर जाकर महिलाओं को पढ़ाने लगी। जाते वक्त फुले पर कीचड़, गोबर आदि फेंक दिया जाता था ताकि पढ़ाने न जा सके लेकिन वे इसकी परवाह किए बिना महिलाओं को शिक्षित करने में फातिमा शेख के सहयोग से अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दीं। इतना ही नहीं वे बाल विवाह, विधवा विवाह पर रोक जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जीवन पर्यन्त लगी रही। आज महिलाएं जहाज उड़ा रही हैं, चांद पर जा रही हैं, हर क्षेत्र में पुरुष की बराबरी कर रही हैं। इसमें सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख का अहम योगदान है। इनके बताये रास्ते पर चलकर, इनके संघर्षों से प्रेरणा लेकर बढ़ते महिला उत्पीड़न, महिला हत्या, ब्लातकार, दहेज हत्या, महिलाओं के विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर निजात दिलाना ही सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हमें इसके लिए संकल्पित होना चाहिए।

उक्त बातें नगर परिषद क्षेत्र के मोतीपुर वार्ड 27 में सोमवार को आयोजित सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख की संयुक्त जयंती समारोह में ऐपवा जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने उपस्थित जन समूहों को संबोधित करते हुए कहा। उपस्थित महिलाओं ने प्रथम शिक्षिका द्वय की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दिया। मौके पर रीता देवी, रूपा देवी, सुनैना देवी, गीता देवी, आरती देवी समेत भाकपा माले के राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, सुरेंद्र सिंह समेत बड़ी संख्या में महिला -पुरूष उपस्थित थे। मौके पर एक प्रस्ताव पारित कर 9 मार्च को भाकपा माले द्वारा पटना के गांधी मैदान में आहूत महाजुटान में बड़ी भागीदारी दिलाने की घोषणा की गई।