बिहार के गरीबों पिछड़ों और दलितों को मतदाता सूची से नाम काटने के साजिश नहीं चलेगा:- आरवाईए।

#MNN24X7 पूसा/ समस्तीपुर 8 जुलाई, इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने प्रखंड के बिरौली में आक्रोश मार्च के तहत बिहार के करोड़ों युवाओं-गरीबों-मजदूरों का मताधिकार छीनने की साजिश के खिलाफ व बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ जनता के बढ़ते असंतोष और लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए किया गया है। सभा की अध्यक्षता आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार व संचालन आरवाईए नेता राजीव कुमार ने किया।

सभा को संबोधित आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार करते हुए कहा कि बिहार का 50-80 प्रतिशत छात्र-युवा शिक्षित -बेरोजगार सहित एक वक़्त की रोटी हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे है, ऐसे में बिहार इलेक्शन कमिशन का संघी फरमान गरीब शोषितों के लोकाधिकार व मताधिकार पर हमला कर रहा है. खुद को भारतीय साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों देना होगा. तब तो इलेक्शन आयोग के तमाम बॉडी को सबसे पहले दस्तावेज दिखाने चाहिए. इनके पास ये सारे पेपर है या नही है, ये कौन लोग है, इसकी जानकारी बिहार वासियों को होनी चाहिए. भाजपा शासित प्रदेश में गरीब शोषितों का शोषण होता आ रहा है, ऐसे में साफ दिख रहा है कि चुनाव आयोग भाजपा की एजेंट की तरह कार्य करते हुए प्रतीत हो रहा है। जिसके तहत लोकतंत्र के बुनियाद पर संघी संकट का हस्तक्षेप है। यह मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण नही बल्कि सीधी तौर पर करोड़ों गरीब शोषितों छात्र-युवाओं का दमन है।

गुजरात मॉडल नया बिहार बनाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पेंशन भुगतान आदेश,10वी. अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व जैसे सरकारी दस्तावेजों अमान्य सिद्ध कर दिया गया है, विदित हो कि बीएलओ के पास भी ऐसे कई पेपर नही है वह भी वोट देने से वंचित है. संविधान के मूल भावना पर सीधा प्रहार है। करोड़ों नागरिक छात्र- नौजवान, प्रवासी मजदूरों को सिर्फ एक महीने के भीतर पेपर जमा करने की तानाशाही प्रणाली केवल तुगलकी फरमान को ही दर्शाता है। गरीबो की वोटबंदी का कारण 11 दस्तावेज मांगे गये हैं जिसमें से अधिकांश दस्तावेज आम नागरिकों के पास नही होगा. जिसके तहत विशेष रूप से ग्रामीण, गरीब व वंचित वर्ग सहित अन्य वर्ग के छात्र-युवा वोट डालने की प्रक्रिया में शामिल नही हो पाएंगे!

आरवाईए नेता राजीव कुमार ने कहा कि इसको लेकर इंडिया गठबंधन के आह्वान पर बिहार के तमाम छात्र-नौजवान महिलाएं व्यवसाय 9 जुलाई को मतदाता गहन पुननिरीक्षण वापस लेने के लिए सड़क पर उतरकर चुनाव आयोग को कानों तक पहुंचाने का काम करेंगे जब तक गहन पुनिरीक्षण चुनाव आयोग वापस नहीं लेती है तब तक बिहार में महागठबंधन के नेतृत्व में लड़ाई जारी रहेगी.

इस कार्यक्रम में विशाल कुमार छोटू कुमार, सूरज कुमार, गुड्डू कुमार, विक्की कुमार, निशांत कुमार, भोला कुमार, सावन कुमार, गोलू कुमार, अमन कुमार सहित दर्जनों युवाओं उपस्थित थे।