करोड़ों रूपये खर्च कर शिलान्यास के बाबजूद कॉलेज गायब होने की घटना पर चुप्पी तोड़े सांसद शांभवी चौधरी- माले।
नौकरी का लालच देकर किसानों से औने-पौने दाम में अधिग्रहित जमीन बाद में बेच दिये जाने की जानकारी।
जमीन जाने की शोक में किसान जीबछ महतो वगैरह की हो गई असामयिक मौत।
तामझाम के साथ शिलान्यास के बाद काॅलेज गायब होना 8वां अजूबा -सुरेंद्र प्रसाद सिंह।
#MNN24X7 MNNसमस्तीपुर, 1 नवंबर, जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर सरायरंजन के गंगापुर स्थित अलता चौर में किसानों से 6-7 बीघा जमीन अधिग्रहण कर करोड़ों रूपये खर्च कर पूरी तामझाम के साथ तत्कालीन कोयला एवं इस्पात मंत्री रामविलास पासवान द्वारा शिलान्यास के बाद औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) कालेज का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह 8वां अजूबा है जब शिलान्यास के बाद जमीन समेत पूरी कालेज गायब हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान एवं समस्तीपुर लोजपा सांसद शांभवी चौधरी से इस मामले की जिम्मेवारी लेते हुए जमीन समेत कालेज गायब होने की घटना पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने की है।
माले नेता ने मामले का विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा है कि गंगापुर आईटीआई कालेज निर्माण की फिरकी में फंसकर अपनी जमीन गंवाने वाले स्थानीय जीबछ पासवान वगैरह की असामयिक मौत हो गई। दर्जनों किसान बर्बाद हो गये। शिलान्यास कार्य में सरकारी राशि करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिया गया। आज तक न कालेज बना, न कालेज की जमीन है और न ही किसानों को उनका जमीन वापस किया गया बल्कि अधिग्रहित जमीन को निजी हाथों में बेच दिया गया। अब कालेज की जमीन में निजी बिल्डिंग निर्माण कार्य जारी है। अब दूर-दूर तक आईटीआई कालेज स्थापना का संभावना नहीं दिखता है। इस संपूर्ण मामले पर जदयू-भाजपा की नीतीश सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग माले नेता ने की है। उन्होंने लोजपा आर के समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी जो विकास कार्यों का झड़ी लगा देने का स्वांग भरती है से भी उक्त मामले पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
विदित हो कि तत्कालीन कोयला एवं इस्पात मंत्री रामविलास पासवान द्वारा 2008 में लाव-लश्कर, तामझाम के साथ समस्तीपुर के सरायरंजन प्रखंड के गंगापुर स्थित अलता चौर में दर्जनों किसानों से उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर औने-पौने दाम पर जमीन मोर्गेज कराकर करोड़ों रूपये खर्च कर विभागीय अधिकारियों के साथ आईटीआई कालेज निर्माण का शिलान्यास किया गया था। कालेज आज तक नहीं बना, न ही किसानों को उनके जमन वापस किया गया अलबत्ता उक्त जमीन को रामविलास पासवान के क़रीब रसुखदार नेता द्वारा निजी लोगों के हाथों बेच दिए जाने की चर्चा है।
