•निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं नोटिफिकेशन संबंधी हुआ समीक्षा

•जिले से डीपीसी, एसटीएस, एसटीएलएस हुए सम्मिलित

•जिले के सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बलगम संग्रह करने हेतु दिया गया निर्देश

•जिले में जून 2022 में 607 यक्ष्मा मरीजों को किया गया चिन्हित

मधुबनी, 5 जुलाई। जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के एएनएम सभागार में एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में जिला स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के यक्ष्मा कार्यालय के सीडीओ सहित सभी कर्मी सम्मिलित हुए। बैठक में बताया गया की विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टी.बी.मरीज का नोटिफिकेशन किया जा रहा है।

डी एफ वाई को निर्देश दिया गया कि जिला अंतर्गत सभी प्रखंड में प्राइवेट सेक्टर के मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिव और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस/एसटीएलएस को उपलब्ध करावें। साथ ही निर्देश दिया गया जो भी प्राइवेट डॉक्टर को मरीज के नोटिफिकेशन पर को 500 रू. तथा आउटकम पर भी 500 रू.देने का प्रावधान है। राशि लक्ष्य के अनुरूप डॉक्टरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। एमडीआर मरीजों को मिलने वाली राशि भी लक्ष्य के अनुसार भुगतान नहीं हो रहा है।

सीडीओ जी. एम. ठाकुर द्वारा बताया गया जिले में टीबी उन्मूलन के लिए समुदाय पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें एक्टिव केस फाइंडिंग एवं निक्षय पोषण राशि का भुगतान करने के लिए निर्देश दिया गया है दूरस्थ एवं चिन्हित कठिन क्षेत्रों में आशा एवं अन्य सामुदायिक उत्प्रेरक की 2 सदस्य घर-घर विजिट टीम का गठन कर प्रतिदिन कम से कम 50 घर का भ्रमण कर संभावित टीबी रोगियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया एवं स्थानीय निकटतम बलगम जांच केंद्र अथवा ट्रुनेट लैब में सैंपल की जांच करवाना का निर्देश दिया गया।

प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समन्वय कर गृह भ्रमण टीमों के सदस्यों को 100रुपए /प्रति दिन प्रति सदस्य 50 घरों के भ्रमण हेतु के दर से प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं वयस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया तथा योग्य बच्चों को एवं बच्चों की लाइन लिस्टिंग करवाने का निर्देश दिया गया

टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:

यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान पाँच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को आईएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:

एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।

जुलाई 2022 मे 607 मरीजों को किया गया चिन्हित:

जिले में जुलाई 2022 में 607 मरीजों को चिन्हित किया गया । जिसमें 270 मरीज सरकारी संस्थान तथा 322 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिन्हित किया गया। वही एमडीआर के 15 सहित कुल जुलाई मे 607 मरीज चिन्हित किया गया

समीक्षा बैठक में डी पी सी पंकज कुमार, अनिल कुमार, सत्य नारायण शर्मा, मोहम्मद अमीरूद्दीन अंसारी, विनोद कुमार लैब टेक्निशियन, एसटीएस,
एसटीएलएस, एचआईवी काउंसलर एवं एनजीओ आईआईएच इंडिया , डॉक्टर फॉर यू , डी एफ आई टी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।